दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एक महत्वपूर्ण बयान में कहा है कि न्यायपालिका को संविधान में बदलाव का अधिकार नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रवाद सबसे बड़ा धर्म है, और इसमें राजनीति नहीं होनी चाहिए।
संविधान में बदलाव का अधिकार
धनखड़ ने कहा कि संविधान में बदलाव करने का अधिकार केवल संसद को है, और किसी को नहीं। उन्होंने यह भी कहा कि अगर कोई परिभाषा बनाने की जरूरत है तो सुप्रीम कोर्ट इस पर अपना विचार रख सकता है, लेकिन संविधान में बदलाव करने का अधिकार न्यायपालिका को नहीं है।
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संविधान जागरूकता वर्ष समारोह
संविधान जागरूकता वर्ष समारोह का उद्घाटन करते हुए धनखड़ ने कहा कि संविधान के मौलिक अधिकार को हम जितना जानेंगे, उतना ही हम लोग राष्ट्रवाद की ओर आगे बढ़ेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य विधानसभाओं के संविधान में परिवर्तन करने का अधिकार है, लेकिन यह अधिकार न्यायपालिका को नहीं है। live24indianews