उपराष्ट्रपति धनखड़ का सुप्रीम कोर्ट पर हमला: “जज नहीं बन सकते सुपर संसद, राष्ट्रपति को निर्देश देना असंवैधानिक”

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश की कड़ी आलोचना की है, जिसमें अदालत ने राष्ट्रपति को राज्यपालों द्वारा भेजे गए विधेयकों पर तय समयसीमा में निर्णय लेने का निर्देश दिया था। उपराष्ट्रपति ने इस निर्देश को संविधान के मूल ढांचे के विरुद्ध बताते हुए कहा कि भारत में न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका की स्पष्ट सीमाएं हैं, और कोई भी संस्था सुपर संसद की तरह काम नहीं कर सकती।

न्यायपालिका की सीमाएं हैं, राष्ट्रपति को आदेश नहीं दे सकते जज”

उपराष्ट्रपति ने सवाल उठाते हुए कहा,

क्या हम ऐसी व्यवस्था बना रहे हैं जहां भारत के राष्ट्रपति को अदालत आदेश देती है? किस आधार पर? ये वो लोकतंत्र नहीं है जिसकी कल्पना हमारे संविधान निर्माताओं ने की थी।”

धनखड़ ने यह भी कहा कि, जिन न्यायाधीशों ने राष्ट्रपति को आदेश जारी किया, वे संविधान की शक्ति और सीमाओं को नजरअंदाज कर रहे हैं।”

हमारे लोकतंत्र की कभी कल्पना नहीं थी कि जज बनेंगे सुपर संसद”

अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश में कोई भी संस्था संविधान से ऊपर नहीं है, और इस प्रकार की न्यायिक सक्रियता से संविधान की त्रिस्तरीय व्यवस्था प्रभावित होती है। उन्होंने जोर देकर कहा, हमने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा दिन भी आएगा जब अदालतें राष्ट्रपति को डेडलाइन के भीतर निर्णय लेने को कहेंगी, और अगर ऐसा नहीं होता तो वह कानून बन जाएगा।”

यह भी पढ़ेंः बंगाल में जुमे की नमाज के बाद भड़की हिंसा: मुर्शिदाबाद में हिंदुओं पर हमले

पृष्ठभूमि

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा था कि राज्यपालों द्वारा विचार के लिए राष्ट्रपति को भेजे गए विधेयकों पर निश्चित समय सीमा में निर्णय लिया जाना चाहिए। इस आदेश को लेकर विधायी और न्यायिक शक्तियों के संतुलन पर बहस तेज हो गई है।

Share in Your Feed

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *