योगी आदित्यनाथ के 53वें जन्मदिन पर ऐतिहासिक संयोग, अयोध्या में राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा5

Uttar Prades: 5 जून 2025 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का 53वां जन्मदिन एक ऐतिहासिक और आध्यात्मिक संयोग के साथ अयोध्या में मनाया गया। इस दिन श्रीराम जन्मभूमि परिसर में राजा राम सहित अन्य देवी-देवताओं की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। यह अवसर न केवल उनके जन्मदिन को विशेष बनाता है, बल्कि गोरक्षपीठ की तीन पीढ़ियों के राम मंदिर आंदोलन के सपने को साकार करने का प्रतीक भी है।

गोरक्षपीठ और राम मंदिर आंदोलन का गहरा नाता

योगी आदित्यनाथ और गोरक्षपीठ का अयोध्या से गहरा आध्यात्मिक और ऐतिहासिक जुड़ाव रहा है। उनके दादा गुरु ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और गुरु महंत अवेद्यनाथ ने राम जन्मभूमि आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। महंत दिग्विजयनाथ को 1949 में रामलला के प्राकट्य प्रकरण का प्रमुख सूत्रधार माना जाता है, जबकि महंत अवेद्यनाथ ने 1984 में राम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति के अध्यक्ष के रूप में आंदोलन को नई दिशा दी। योगी आदित्यनाथ ने अपने गुरुओं की विरासत को आगे बढ़ाते हुए इस आंदोलन को निर्णायक मुकाम तक पहुंचाया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से जब राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ, तब योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में अयोध्या के विकास और मंदिर निर्माण को गति देने में अग्रणी रहे।प्राण प्रतिष्ठा समारोह का भव्य आयोजन

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अनुसार, 5 जून को सुबह 11:25 से 11:40 बजे के बीच अभिजीत मुहूर्त में राम दरबार सहित आठ देवालयों में प्राण प्रतिष्ठा समारोह संपन्न हुआ। इस दौरान वैदिक मंत्रोच्चार, हवन और विधिवत पूजा-अर्चना के साथ भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, हनुमान, शिव, गणेश, सूर्यदेव, मां भगवती, मां अन्नपूर्णा और शेषावतार की मूर्तियों की स्थापना की गई। समारोह में अयोध्या और काशी के 101 वैदिक आचार्यों ने हिस्सा लिया। मुख्यमंत्री योगी ने रामलला के दर्शन किए, हनुमानगढ़ी में विशेष पूजा-अर्चना की और प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की।

अयोध्या का कायाकल्प और योगी का योगदान

संत समाज और स्थानीय लोग योगी आदित्यनाथ को ‘अयोध्या का गौरव लौटाने वाला नेता’ मानते हैं। पिछले आठ वर्षों में उनके नेतृत्व में अयोध्या में 32 हजार करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाएं पूरी हुईं, जिनमें सड़क, रेल, एयरपोर्ट, सरयू तट का सौंदर्यीकरण और दीपोत्सव जैसे आयोजन शामिल हैं। महंत मिथिलेश नंदिनी शरण ने कहा कि योगी के प्रयासों से अयोध्या ने सांस्कृतिक, आर्थिक और आध्यात्मिक वैभव प्राप्त किया है।

विश्व पर्यावरण दिवस और अन्य आयोजन

जन्मदिन के अवसर पर योगी आदित्यनाथ ने विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में पौधरोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। साथ ही, वे मणिराम दास छावनी में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास के जन्मोत्सव समारोह में भी शामिल हुए। अयोध्या में सरयू महोत्सव का उद्घाटन भी उनके द्वारा किया गया।

सुरक्षा और तैयारियां

इस ऐतिहासिक आयोजन के लिए अयोध्या में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। मंदिर परिसर को अत्याधुनिक सुरक्षा उपकरणों से लैस किया गया, और ATS, CISF, PAC और सिविल पुलिस की टीमें तैनात रहीं। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने भीषण गर्मी को देखते हुए श्रद्धालुओं से अपील की कि वे प्राण प्रतिष्ठा के लोभ में भीड़ न बढ़ाएं, क्योंकि रोजाना 50-70 हजार श्रद्धालु पहले ही अयोध्या पहुंच रहे हैं।सनातन संस्कृति का उत्सव

5 जून का यह दिन अयोध्या के लिए आस्था, विकास और पर्यावरण संरक्षण का संगम बना। मुख्यमंत्री योगी ने अपने ‘एक्स’ पोस्ट में इसे ‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’ की नूतन अभिव्यक्ति बताया। संत समाज और स्थानीय लोगों ने इस अवसर पर दीप प्रज्वलन, भजन-कीर्तन और हवन जैसे आयोजनों के साथ उत्साह व्यक्त किया। यह दिन न केवल योगी आदित्यनाथ के जन्मदिन के रूप में, बल्कि भारतीय सनातन संस्कृति के गौरव के पुनर्जनन.

 

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