नई दिल्ली : भारतीय निर्वाचन आयोग ने उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 की महत्वपूर्ण तारीखों की घोषणा कर दी है। यह चुनाव पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई 2025 को स्वास्थ्य और निजी कारणों से इस्तीफा देने के बाद आयोजित किया जा रहा है। निर्वाचन आयोग के अनुसार, यदि आवश्यक हुआ तो वोटिंग और मतगणना 9 सितंबर 2025 को होगी। यह चुनाव संविधान के अनुच्छेद 66 के तहत एकल संक्रमणीय मत पद्धति द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के अनुसार होगा, जिसमें संसद के दोनों सदनों के सदस्य गुप्त मतदान करेंगे।
उपराष्ट्रपति चुनाव 2025 का शेड्यूल
निर्वाचन आयोग ने निम्नलिखित तारीखें और समयसीमा जारी की हैं:
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अधिसूचना जारी करना: 7 अगस्त 2025 (गुरुवार)
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नामांकन की अंतिम तारीख: 21 अगस्त 2025 (गुरुवार)
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नामांकन की जांच: 22 अगस्त 2025 (शुक्रवार)
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नामांकन वापसी की अंतिम तारीख: 25 अगस्त 2025 (सोमवार)
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मतदान (यदि आवश्यक हो): 9 सितंबर 2025 (मंगलवार), सुबह 10:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक
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मतगणना और परिणाम: 9 सितंबर 2025 (मंगलवार)
यदि कोई उम्मीदवार निर्विरोध चुना जाता है, तो मतदान की आवश्यकता नहीं होगी, और परिणाम नामांकन वापसी के बाद घोषित कर दिया जाएगा।
निर्वाचक मंडल: कौन करेगा वोटिंग?
उपराष्ट्रपति का चुनाव संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) के सदस्यों से बने निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है। 17वें उपराष्ट्रपति चुनाव, 2025 के लिए निर्वाचक मंडल में शामिल हैं:
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राज्यसभा: 233 निर्वाचित सदस्य (वर्तमान में 5 सीटें रिक्त) और 12 मनोनीत सदस्य
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लोकसभा: 543 निर्वाचित सदस्य (वर्तमान में 1 सीट रिक्त)
कुल मिलाकर, निर्वाचक मंडल में 788 सदस्य हैं, लेकिन वर्तमान में 782 सदस्य प्रभावी हैं। प्रत्येक सदस्य का वोट समान मान (1) रखता है, क्योंकि उपराष्ट्रपति चुनाव में राज्यों की विधानसभाएं शामिल नहीं होतीं, जैसा कि राष्ट्रपति चुनाव में होता है। जीत के लिए उम्मीदवार को कम से कम 392 वोट (50% + 1) चाहिए।
एकल संक्रमणीय मत पद्धति: कैसे होगी वोटिंग?
उपराष्ट्रपति का चुनाव एकल संक्रमणीय मत पद्धति (Single Transferable Vote) के तहत आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली द्वारा होता है। इस प्रणाली की मुख्य विशेषताएं:
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गुप्त मतदान: मतदान गुप्त मतपत्र (Secret Ballot) के माध्यम से होता है।
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प्राथमिकता अंकन: मतदाता उम्मीदवारों के सामने अपनी प्राथमिकता (Preference) अंकित करते हैं। पहली प्राथमिकता (1) अनिवार्य है, जबकि अन्य प्राथमिकताएं (2, 3, आदि) वैकल्पिक हैं।
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अंकन का तरीका: प्राथमिकता को भारतीय अंकों के अंतरराष्ट्रीय रूप (1, 2, 3…), रोमन अंकों (I, II, III…), या किसी मान्यता प्राप्त भारतीय भाषा में अंकित किया जा सकता है। शब्दों में प्राथमिकता लिखना अमान्य है।
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विशेष पेन: मतदान के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा विशेष पेन प्रदान किया जाएगा। अन्य पेन से अंकन करने पर वोट अमान्य हो जाएगा।
यदि कोई उम्मीदवार पहली गिनती में 50% + 1 वोट (392) प्राप्त नहीं करता, तो सबसे कम वोट वाले उम्मीदवार को हटाकर उनकी दूसरी प्राथमिकता के वोट अन्य उम्मीदवारों में स्थानांतरित किए जाते हैं। यह प्रक्रिया तब तक चलती है, जब तक कोई उम्मीदवार आवश्यक कोटा हासिल नहीं कर लेता।