लखनऊ: उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2026 की तैयारियां जोरों पर हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने परिसीमन प्रक्रिया की शुरुआत 18 जुलाई से करने की घोषणा की है, और अंतिम वार्ड सूची 10 अगस्त तक जारी की जाएगी। यह प्रक्रिया ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों और जिला पंचायतों के वार्डों को पुनर्गठित करने के लिए शुरू की गई है, क्योंकि शहरी क्षेत्रों के विस्तार और नगर पंचायतों, नगर पालिकाओं तथा नगर निगमों के सृजन से कई पंचायतें प्रभावित हुई हैं।
परिसीमन और मतदाता सूची की समयसारिणी
जिला पंचायतीराज विभाग द्वारा तैयार विस्तृत कार्यक्रम को शासन ने मंजूरी दे दी है। परिसीमन और मतदाता सूची संशोधन की प्रक्रिया निम्नलिखित समयसारिणी के अनुसार होगी:
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18-22 जुलाई 2025: ग्राम पंचायतवार जनसंख्या का निर्धारण।
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23-28 जुलाई 2025: ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत के वार्डों की प्रस्तावित सूची तैयार और प्रकाशित।
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29 जुलाई-2 अगस्त 2025: वार्डों पर आपत्तियां दर्ज करने की अवधि।
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3-5 अगस्त 2025: आपत्तियों का निस्तारण।
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6-10 अगस्त 2025: वार्डों की अंतिम सूची का प्रकाशन।
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18 जुलाई-13 अगस्त 2025: बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) और पर्यवेक्षकों को कार्यक्षेत्र आवंटन और स्टेशनरी वितरण।
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14 अगस्त-29 सितंबर 2025: BLO द्वारा घर-घर जाकर गणना और सर्वेक्षण। 1 जनवरी 2025 को 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले व्यक्तियों के नाम मतदाता सूची में शामिल किए जाएंगे।
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5 दिसंबर 2025: अनंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन।
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6-12 दिसंबर 2025: दावे और आपत्तियों की स्वीकृति।
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13-19 दिसंबर 2025: दावे और आपत्तियों का निस्तारण।
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24 दिसंबर 2025-8 जनवरी 2026: मतदाता सूची का कंप्यूटरीकरण और एकीकरण।
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9-14 जनवरी 2026: मतदाता सूची की फोटोकॉपी और डाउनलोड।
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15 जनवरी 2026: अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन।
पंचायत चुनाव का बदला परिदृश्य
उत्तर प्रदेश में ग्राम पंचायतों की संख्या में कमी आई है, और अब 57,695 ग्राम पंचायतें रह गई हैं, क्योंकि 504 ग्राम पंचायतें शहरी निकायों में विलय हो चुकी हैं। इसके अलावा, 826 ब्लॉक प्रमुख और 75 जिला पंचायत अध्यक्षों के लिए भी चुनाव होंगे। यह त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव अप्रैल 2026 में होने की संभावना है, जो 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले एक महत्वपूर्ण राजनीतिक मंच के रूप में देखा जा रहा है।
पिछला पंचायत चुनाव अप्रैल 2021 में हुआ था, जिसमें चार चरणों में मतदान हुआ था। इस बार भी कई राजनीतिक दल, जैसे BJP, SP, और AAP, अपनी जमीन मजबूत करने के लिए सक्रिय हैं। खासकर, AAP ने घोषणा की है कि वह 2026 के पंचायत चुनाव अकेले लड़ेगी।
प्रशासनिक और राजनीतिक महत्व
पंचायती राज विभाग के अधिकारियों के अनुसार, परिसीमन का यह कदम ग्राम पंचायतों के शहरी क्षेत्रों में विलय और जनसंख्या परिवर्तन के कारण जरूरी हो गया था। प्रत्येक जिले में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है, जिसमें मुख्य विकास अधिकारी, जिला पंचायत के अतिरिक्त मुख्य अधिकारी और जिला पंचायती राज अधिकारी शामिल हैं। यह समिति 5 जून 2025 तक अंतिम प्रस्ताव पंचायती राज निदेशालय को भेजेगी।
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