लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मानसून से पहले आंधी-तूफान और आकाशीय बिजली ने कहर बरपाया है। पिछले 24 घंटों में प्राकृतिक आपदाओं के कारण 35 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें से 29 लोगों की जान आकाशीय बिजली गिरने से गई है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अगले सात दिनों तक ऐसी घटनाओं में बढ़ोतरी की चेतावनी जारी की है और लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है।
आकाशीय बिजली का कहर
15 जून 2025 को यूपी के कई जिलों में तेज हवाओं, बारिश और बिजली गिरने की घटनाओं ने तबाही मचाई। सबसे ज्यादा प्रभावित जिले प्रयागराज और जौनपुर रहे, जहां प्रत्येक में पांच-पांच लोगों की मौत हुई। इसके अलावा, ललितपुर, गाजीपुर, गोरखपुर, बरेली, बिजनौर, कानपुर देहात, कुशीनगर, शाहजहांपुर, लखनऊ, हरदोई, संभल, झांसी, जालौन, अमेठी और सोनभद्र में भी बिजली गिरने से मौतें हुईं। अधिकतर मामले खेतों में काम करने वाले किसानों, लकड़ी बीनने वालों और बच्चों के हैं, जो बारिश के दौरान पेड़ों के नीचे खड़े थे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रभावित जिलों के अधिकारियों को तत्काल राहत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं। मृतकों के परिजनों को चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता और घायलों के मुफ्त इलाज का ऐलान किया गया है।
IMD की चेतावनी: अगले 7 दिन रहें सावधान
IMD के सीनियर साइंटिस्ट मोहम्मद दानिश ने बताया कि वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के कारण बिजली गिरने की घटनाएं बढ़ी हैं। मानसून के 18 जून तक यूपी में दस्तक देने की संभावना है, जिसके चलते अगले एक हफ्ते तक बारिश, बादलों की गड़गड़ाहट, तेज हवाएं और बिजली गिरने का सिलसिला जारी रहेगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि खराब मौसम में बाहर न निकलें और पेड़ों के नीचे या खुले मैदानों में खड़े होने से बचें।
IMD ने ‘डामिनी’ ऐप के जरिए बिजली गिरने की चेतावनी देने की व्यवस्था की है, लेकिन यह लोकल स्तर पर पूरी तरह प्रभावी नहीं है। वैज्ञानिकों का कहना है कि पक्के मकानों में रहने वाले लोग सबसे सुरक्षित हैं। पेड़ों के नीचे खड़े होने से 71% बिजली गिरने की मौतें होती हैं।
क्यों बढ़ रही हैं घटनाएं?
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, उच्च तापमान और नमी के मिलने से थंडरक्लाउड्स बन रहे हैं, जो बिजली गिरने का कारण बनते हैं। ग्लोबल वार्मिंग और पर्यावरणीय बदलाव ने भी इन घटनाओं को बढ़ाया है। यूपी, बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में बिजली गिरने से सबसे ज्यादा मौतें होती हैं। 2019 में यूपी में 293 और 2020-21 में 238 लोगों की मौत बिजली गिरने से हुई थी।
वाराणसी रहा सबसे गर्म
15 जून को वाराणसी देश का सबसे गर्म शहर रहा, जहां तापमान 43.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। उरई और गाजीपुर में भी पारा 40 डिग्री से ऊपर था। यूपी के सात शहरों में तापमान 41 डिग्री से अधिक रहा। हालांकि, IMD का अनुमान है कि अगले कुछ दिनों में बारिश से लू की स्थिति में कमी आएगी।
सावधानियां और सुझाव
IMD ने लोगों को निम्नलिखित सावधानियां बरतने की सलाह दी है:
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खराब मौसम में घर से बाहर न निकलें।
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बिजली चमकने पर पक्के मकान या कार में शरण लें।
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पेड़ों, धातु की वस्तुओं, और ऊंचे स्थानों से दूर रहें।
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बिजली गिरने की आशंका हो तो घुटनों के बल बैठ जाएं, जमीन पर न लेटें।
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