अप्राकृतिक यौन, जबरन गर्भपात और धर्मांतरण,  गाजिबाद में फैजान ने हिंदू युवती को ‘अक्षय’ बन फँसाया, छांगुर पीर के पास ले जाकर बोला- इस्लाम पढ़, तभी होगा निकाह

गाजियाबाद : उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में लव जिहाद और धर्मांतरण का एक और गंभीर मामला सामने आया है। एक हिंदू युवती ने मोहम्मद फैजान पर ‘अक्षय’ बनकर उसे प्यार के जाल में फंसाने, शारीरिक शोषण, अप्राकृतिक यौन कृत्य, जबरन गर्भपात और धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डालने का आरोप लगाया है। पीड़िता की शिकायत पर क्रॉसिंग रिपब्लिक थाने में FIR दर्ज की गई है, और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।

धोखे से शुरू हुआ रिश्ता

पीड़िता, जिसकी पहचान गोपनीय रखी गई है, ने बताया कि उसकी मुलाकात 2015 में फेसबुक पर फैजान से हुई, जो खुद को अक्षय के रूप में पेश करता था। उसने हिंदू रीति-रिवाजों का पालन करते हुए मंदिरों में जाना और कलाई पर कलावा बांधना शुरू किया। पीड़िता का आरोप है कि फैजान ने शादी का झांसा देकर कई वर्षों तक उसका शारीरिक शोषण किया। 2016 में वह उसे दिल्ली लाया और गाजियाबाद के क्रॉसिंग रिपब्लिक में एक फ्लैट किराए पर लिया, जहां शोषण जारी रहा।

धर्मांतरण का दबाव और गर्भपात

युवती ने बताया कि फैजान उसे गोंडा और छांगुर पीर के पास ले जाता था, जहां उसे इस्लामी साहित्य पढ़ने और इस्लाम कबूल करने का दबाव डाला जाता था। उसका दावा है कि फैजान ने कहा, “शादी के लिए पहले इस्लाम अपनाना होगा।” इस दौरान वह कई बार गर्भवती हुई, लेकिन फैजान ने गुपचुप तरीके से उसकी ड्रिंक में गर्भनिरोधक दवाएं मिलाकर गर्भपात करवाए। पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया कि फैजान ने उसका अप्राकृतिक यौन शोषण किया और निजी तस्वीरों को वायरल करने की धमकी दी।

छांगुर पीर का कनेक्शन

पीड़िता के मुताबिक, फैजान छांगुर पीर के नेटवर्क से जुड़ा था और उसे वहां ले जाकर झाड़-फूंक करवाता था। उसने दावा किया कि फैजान के पास महंगी गाड़ियां और पैसा था, जो संभवत: किसी फंडिंग से आता था। वह अन्य हिंदू लड़कियों को भी निशाना बनाता था और उनका ब्रेनवॉश करता था। सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट में छांगुर पीर के नेटवर्क को धर्मांतरण का बड़ा रैकेट बताया गया है, जिसमें पुलिस ने जांच तेज कर दी है।

पुलिस कार्रवाई और सामाजिक प्रतिक्रिया

क्रॉसिंग रिपब्लिक पुलिस ने फैजान के खिलाफ भादंसं की धारा 351(2) (बलात्कार), 351(3) (आपराधिक धमकी), और उत्तर प्रदेश गैरकानूनी धर्म परिवर्तन निषेध अधिनियम, 2021 के तहत मामला दर्ज किया है। हिंदू संगठनों ने इस मामले को लेकर आक्रोश जताया और इसे सुनियोजित धर्मांतरण रैकेट का हिस्सा बताया। पुलिस ने बताया कि जांच में छांगुर पीर और अन्य संदिग्धों की भूमिका की भी पड़ताल की जा रही है।

बढ़ता विवाद और कानूनी सवाल

यह मामला उत्तर प्रदेश में ‘लव जिहाद’ से जुड़े विवादों की कड़ी में एक और घटना है। आलोचकों का कहना है कि ऐसे मामले अक्सर आपसी सहमति वाले रिश्तों को भी सांप्रदायिक रंग दे देते हैं। हालांकि, पीड़िता की शिकायत और सबूतों के आधार पर पुलिस ने कार्रवाई शुरू की है। यह घटना गाजियाबाद में सामाजिक तनाव को बढ़ा सकती है, और प्रशासन ने शांति बनाए रखने की अपील की है।

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