ट्रंप की आपत्ति: भारत में iPhone मैन्युफैक्चरिंग प्लान पर संकट, अमेरिका में उत्पादन बढ़ाने का दबाव

Business News : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत में Apple के iPhone मैन्युफैक्चरिंग प्लान पर आपत्ति जताकर भारत की महत्वाकांक्षी योजनाओं पर सवाल उठाए हैं। कतर में एक बिजनेस मीटिंग के दौरान ट्रंप ने Apple के सीईओ टिम कुक के साथ अपनी बातचीत का जिक्र करते हुए कहा कि भारत में बने iPhone सिर्फ भारतीय बाजार के लिए ठीक हैं, लेकिन अमेरिकी बाजार के लिए भारत में उत्पादन स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि Apple को अब अमेरिका में ही iPhone का उत्पादन बढ़ाना होगा।

ट्रंप की टिप्पणी से भारत की योजना पर असर

ट्रंप की इस टिप्पणी ने भारत के वैश्विक iPhone मैन्युफैक्चरिंग हब बनने के सपने को झटका दिया है। हाल ही में ट्रंप की टैरिफ नीति के तहत चीन से आयात पर 54% टैक्स लगाए जाने के बाद Apple ने भारत को उत्पादन का वैकल्पिक केंद्र बनाया था। बैंक ऑफ अमेरिका के विश्लेषक वामसी मोहन ने अनुमान लगाया था कि 2025 में भारत में 25 मिलियन iPhone बनाए जाएंगे, जिनमें से 10 मिलियन भारत में बिकेंगे और 15 मिलियन अमेरिका को निर्यात होंगे। हालांकि, ट्रंप के बयान ने इस रणनीति पर अनिश्चितता पैदा कर दी है।

भारत में iPhone मैन्युफैक्चरिंग की स्थिति

Apple ने 2017 से भारत में पुराने iPhone मॉडल्स की असेंबली शुरू की थी, लेकिन पूर्ण मैन्युफैक्चरिंग अभी तक शुरू नहीं हुई है। दक्षिण भारत में Foxconn, Tata Group (जिसने हाल ही में Wistron का कारोबार खरीदा), और Pegatron की यूनिट्स iPhone असेंबली में लगी हैं। मार्च 2025 तक के वित्तीय वर्ष में भारत ने 22 अरब डॉलर के iPhone असेंबल किए, जो पिछले साल से 60% अधिक है। Foxconn और Tata अपनी फैक्ट्रियों का विस्तार कर रहे हैं ताकि उत्पादन और बढ़ाया जा सके।

अमेरिका में उत्पादन की चुनौतियां

विशेषज्ञों का कहना है कि अमेरिका में iPhone बनाना Apple के लिए महंगा और जटिल होगा। Wedbush रिसर्च के अनुसार, अमेरिका में उच्च मजदूरी लागत और कमजोर मैन्युफैक्चरिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर के कारण एक iPhone की लागत 3000 डॉलर (लगभग 2.5 लाख रुपये) तक हो सकती है। इसके विपरीत, भारत में सस्ती श्रम शक्ति और मजबूत सप्लाई चेन Apple के लिए फायदेमंद है। यही कारण है कि Apple ने भारत में उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया था।

ट्रंप का ‘जीरो टैरिफ’ दावा

ट्रंप ने कतर में यह भी दावा किया कि भारत ने अमेरिकी सामानों पर ‘जीरो टैरिफ’ की पेशकश की है। हालांकि, भारतीय अधिकारियों ने इस दावे पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है। यह बयान तब आया है, जब ट्रंप ने भारत से आयात पर 26% टैरिफ लगाया था, जिसे 90 दिनों के लिए निलंबित किया गया है।

भारत के लिए चुनौती और अवसर

ट्रंप की टैरिफ नीति और अब उनकी आपत्ति ने Apple की रणनीति को प्रभावित किया है। भारत ने पिछले कुछ वर्षों में iPhone उत्पादन में उल्लेखनीय प्रगति की है, और यह देश Apple के लिए चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरिंग केंद्र बन रहा है। लेकिन ट्रंप का दबाव Apple को अमेरिका में निवेश बढ़ाने के लिए मजबूर कर सकता है, जिससे भारत की योजनाएं प्रभावित हो सकती हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को अपनी स्थिति मजबूत करने के लिए अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर ध्यान देना होगा।

Also read: एप्पल का बड़ा प्लान: अमेरिका में बिकने वाले iPhone भारत में ही बनेंगे

Share in Your Feed

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *