ट्रंप का ईरान पर विवादित बयान: खामनेई को सत्ता से हटाने का इशारा, B-2 बॉम्बर्स की तारीफ

वाशिंगटन: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के सुप्रीम लीडर अयातोल्ला अली खामनेई के खिलाफ सनसनीखेज बयान देते हुए वहां सत्ता परिवर्तन (Regime Change) की संभावना जताई है। 22 जून 2025 को ईरान के तीन परमाणु ठिकानों—फोर्डो, नतांज और इस्फहान—पर अमेरिकी हवाई हमलों के बाद ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ सोशल पर लिखा, “सत्ता परिवर्तन कहना राजनीतिक रूप से सही नहीं हो सकता, लेकिन अगर मौजूदा ईरानी शासन ‘मेक ईरान ग्रेट अगेन’ (MIGA) करने में नाकाम रहता है, तो शासन परिवर्तन क्यों नहीं होगा?

सत्ता परिवर्तन का इशारा

ट्रंप का यह बयान उनके प्रशासन के आधिकारिक रुख से अलग है। विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने CBS के ‘Face The Nation’ पर स्पष्ट किया, “हमले का मकसद ईरान के परमाणु ठिकानों को नष्ट करना था, न कि सत्ता परिवर्तन। यह ईरान के लोगों पर हमला नहीं था।” रक्षा सचिव पीट हेगसेथ ने भी यही बात दोहराई। ट्रंप के बयान ने वैश्विक चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि यह मध्य पूर्व में तनाव को और गहरा सकता है।

ऑपरेशन मिडनाइट हैमर की सफलता

ट्रंप ने अमेरिकी सेना की तारीफ करते हुए कहा, “हमारे पायलटों ने अद्भुत कौशल दिखाया। सभी सात B-2 स्टील्थ बॉम्बर्स, जिन्होंने 18 घंटे की उड़ान के बाद फोर्डो पर 14 GBU-57 ‘बंकर बस्टर’ बम गिराए, सुरक्षित रूप से मिसौरी के व्हाइटमैन एयर फोर्स बेस पर लौट आए।” ऑपरेशन मिडनाइट हैमर में 125 से अधिक विमानों और नौसेना की पनडुब्बियों ने हिस्सा लिया, जिन्होंने 30 टॉमहॉक क्रूज मिसाइलें दागीं। ट्रंप ने दावा किया कि हमलों ने ईरान के परमाणु ठिकानों को “पूरी तरह तबाह” कर दिया, लेकिन पेंटागन के जनरल डैन केन ने कहा कि भूमिगत नुकसान का आकलन अभी चल रहा है।

ईरान की प्रतिक्रिया

ईरान ने हमलों के बाद जवाबी कार्रवाई की धमकी दी है। रविवार सुबह ईरान ने इजरायल पर 30 मिसाइलें दागीं, जिनमें से चार ने नुकसान पहुंचाया। ईरानी अधिकारियों ने दावा किया कि फोर्डो में अधिकांश उच्च संवर्धित यूरेनियम को हमले से पहले दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया गया था। सुप्रीम लीडर खामनेई ने 18 जून को कहा था, “अमेरिका की धमकियों से ईरान नहीं डरेगा।”

वैश्विक और घरेलू प्रतिक्रियाएं

ट्रंप के सत्ता परिवर्तन वाले बयान ने विश्व भर में हलचल मचा दी है। डेमोक्रेट सांसदों ने हमलों को “बिना कांग्रेस की मंजूरी” का कदम बताया। सीनेटर जैक रीड ने चेतावनी दी, “युद्ध शुरू करना आसान है, लेकिन खत्म करना मुश्किल।” रूस के UN राजदूत वासिली नेबेंजिया ने इसे “पेंडोरा का पिटारा” खोलने वाला कदम बताया। X पर #IranIsraelConflict और #MIGA ट्रेंड कर रहे हैं, जहां कुछ लोग ट्रंप के बयान को “ईरान के परमाणु खतरे के खिलाफ जरूरी” बता रहे हैं, तो कुछ इसे “खतरनाक और उकसाने वाला” मान रहे हैं।

भारत और क्षेत्रीय प्रभाव

भारत ने हमलों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया, लेकिन विदेश मंत्रालय ने क्षेत्र में शांति और संयम की अपील की है। विश्लेषकों का मानना है कि भारत, जो ईरान से कच्चा तेल आयात करता है, इस तनाव से प्रभावित हो सकता है। पाकिस्तान, जिसने हाल ही में ट्रंप को नोबेल शांति पुरस्कार के लिए नामित किया, ने इस मुद्दे पर तटस्थ रुख अपनाया है।

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