नई दिल्ली : द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF), जिसे कश्मीर रेजिस्टेंस के नाम से भी जाना जाता है, भारत प्रशासित जम्मू और कश्मीर में सक्रिय एक आतंकवादी संगठन है, जिसे पाकिस्तान आधारित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का एक ऑफशूट माना जाता है। भारतीय खुफिया एजेंसियों और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों का मानना है कि TRF, लश्कर-ए-तैयबा की रणनीति का हिस्सा है, जो कश्मीर में आतंकवाद को स्वदेशी चेहरा देने के लिए बनाया गया है। यह संगठन 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद सामने आया और हाल के वर्षों में कई घातक हमलों के लिए जिम्मेदार रहा है। लश्कर-ए-तैयबा, जिसे 2008 के मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता है, भारत और पश्चिमी देशों में आतंकवादी गतिविधियों की साजिश रचने का आरोपी है।
द रेजिस्टेंस फ्रंट: उत्पत्ति और उद्देश्य
द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) की स्थापना अक्टूबर 2019 में हुई, जब भारत सरकार ने जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाकर इसका विशेष दर्जा समाप्त कर दिया। भारतीय गृह मंत्रालय के अनुसार, TRF लश्कर-ए-तैयबा का एक प्रॉक्सी संगठन है, जो कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है। यह संगठन खुद को कश्मीरी स्वतंत्रता के लिए एक स्वदेशी आंदोलन के रूप में पेश करता है, लेकिन इसका गठन लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन जैसे संगठनों के कैडरों से हुआ है। TRF ने गैर-मुस्लिम नागरिकों, सुरक्षा बलों, और स्थानीय पत्रकारों को निशाना बनाया है, जिसमें 2020 में कश्मीरी वकील बाबर कादरी की हत्या और 2024 में गांदरबल में सात लोगों की हत्या शामिल है।
TRF की रणनीति में सोशल मीडिया का उपयोग, जैसे टेलीग्राम, और गैर-धार्मिक प्रतीकों का इस्तेमाल शामिल है, ताकि इसे वैश्विक स्तर पर एक तटस्थ छवि मिले। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि यह संगठन पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के समर्थन से संचालित होता है, हालांकि पाकिस्तान इन आरोपों से इनकार करता है। जनवरी 2023 में, भारत ने TRF को गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत आतंकवादी संगठन घोषित किया, और इसके नेता शेख सज्जाद गुल को आतंकवादी नामित किया।
लश्कर-ए-तैयबा और 2008 मुंबई हमले
लश्कर-ए-तैयबा (LeT), जिसका अर्थ है “शुद्ध लोगों की सेना,” 1980 के दशक में पाकिस्तान में स्थापित एक सलाफी-जिहादी संगठन है, जिसे हाफिज सईद, अब्दुल्ला अज्जम, और ओसामा बिन लादेन ने शुरू किया था। इसका प्राथमिक लक्ष्य जम्मू और कश्मीर को भारत से अलग कर पाकिस्तान में मिलाना है। LeT को 2008 के मुंबई हमलों के लिए जिम्मेदार माना जाता है, जिसमें 26-29 नवंबर 2008 को 10 आतंकवादियों ने मुंबई में कई स्थानों, जैसे ताजमहल पैलेस होटल, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, और नरीमन हाउस (एक यहूदी केंद्र) पर हमला किया। इस हमले में 174 लोग मारे गए और 300 से अधिक घायल हुए।
हमले के दौरान, एकमात्र जिंदा पकड़ा गया आतंकवादी अजमल कसाब था, जिसने पूछताछ में खुलासा किया कि हमलावरों को लश्कर-ए-तैयबा के शिविरों में प्रशिक्षण दिया गया था। कसाब को 2012 में फांसी दी गई। अमेरिकी नागरिक डेविड हेडली, जिसे 2009 में गिरफ्तार किया गया, ने भी LeT के साथ अपने संबंध और हमले की योजना में शामिल होने की बात स्वीकारी। 2025 में, तहव्वुर राणा, एक कनाडाई नागरिक, को 2008 के हमलों में सहायता के लिए भारत प्रत्यर्पित किया गया।
लश्कर-ए-तैयबा को संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, और कई अन्य देशों ने आतंकवादी संगठन घोषित किया है। यह संगठन जमात-उद-दावा (JuD) के रूप में एक कथित “परोपकारी” संगठन के तहत भी काम करता है, जिसे LeT का एक छद्म माना जाता है। 2008 के हमलों के बाद, पाकिस्तान ने LeT पर प्रतिबंध लगाया और हाफिज सईद को कई बार नजरबंद किया, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि संगठन को पाकिस्तानी सेना और ISI से गुप्त समर्थन मिलता है।
2025 पाहलगाम हमला और TRF की भूमिका
22 अप्रैल 2025 को, जम्मू और कश्मीर के पाहलगाम में बैसरण घाटी में TRF ने एक घातक हमला किया, जिसमें 26 पर्यटक मारे गए। यह 2008 के मुंबई हमलों के बाद भारत में सबसे घातक आतंकवादी हमला माना जाता है। TRF ने शुरू में टेलीग्राम पर हमले की जिम्मेदारी ली, लेकिन बाद में दावा किया कि उनके डिजिटल प्लेटफॉर्म पर “सेंधमारी” हुई थी। भारतीय अधिकारियों ने हमले के लिए लश्कर-ए-तैयबा को जिम्मेदार ठहराया, जिसमें सैफुल्लाह कसूरी और हाशिम मूसा जैसे प्रमुख LeT कमांडरों का नाम सामने आया।
हमले में शामिल चार आतंकवादियों की पहचान जम्मू और कश्मीर पुलिस ने की, जिनमें दो पाकिस्तानी नागरिक, अली भाई उर्फ तल्हा और आसिफ फौजी, और दो स्थानीय कश्मीरी, आदिल हुसैन ठोकर और अहसान, शामिल थे। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बाद में पुष्टि की कि हमले की योजना LeT के वरिष्ठ कमांडरों ने बनाई थी। भारत ने इस हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता का आरोप लगाया, जिसे पाकिस्तान ने खारिज कर दिया।
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