नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को हुए सीजफायर समझौते ने सैन्य टकराव को अस्थायी रूप से रोका, लेकिन दोनों देशों के बीच तनाव कम होने के आसार नहीं दिख रहे। 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 नागरिक मारे गए, के जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत 7 मई को पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों पर हमले किए। इसके बाद चार दिनों तक भारी गोलीबारी और हवाई झड़पें हुईं। सीजफायर के बावजूद भारत के पांच बड़े प्रतिबंधात्मक कदम अब भी लागू हैं, जो दोनों देशों के बीच गहरी खाई को दर्शाते हैं।
1. सिंधु जल संधि निलंबन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।” 1960 की सिंधु जल संधि, जो सिंधु नदी बेसिन के जल बंटवारे को नियंत्रित करती है, को भारत ने निलंबित कर दिया। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि यह निलंबन तब तक रहेगा जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन बंद नहीं करता। यह कदम पाकिस्तान की कृषि और जल आपूर्ति पर गहरा असर डाल सकता है।
2. वीजा निलंबन और राजनयिक निष्कासन
भारत ने सभी पाकिस्तानी वीजा रद्द कर दिए और पाकिस्तानी रक्षा अताशे को निष्कासित किया। इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग से रक्षा सलाहकारों को वापस बुलाया गया। पाकिस्तान ने भी जवाबी कार्रवाई में भारतीय वीजा रद्द किए और राजनयिक कर्मचारियों की संख्या घटाई। दोनों देशों के बीच यात्रा लगभग ठप है।
3. अटारी-वाघा सीमा बंद
पहलगाम हमले के बाद भारत ने अटारी सीमा बंद की, और पाकिस्तान ने वाघा सीमा सील कर दी। यह दोनों देशों के बीच एकमात्र स्थलीय मार्ग है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा कि यह बंदी अगली सूचना तक लागू रहेगी। नागरिकों को वापसी के लिए समयसीमा दी गई थी, जिसे बाद में बढ़ाया गया।
4. हवाई क्षेत्र पर प्रतिबंध
पाकिस्तान ने भारतीय उड़ानों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद किया, जिसके जवाब में भारत ने पाकिस्तानी उड़ानों पर प्रतिबंध लगाया। इससे अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को लंबे रास्ते अपनाने पड़ रहे हैं, जिससे पाकिस्तान को आर्थिक नुकसान हो रहा है। भारत ने अपनी कठोर नीति बरकरार रखी है।
5. व्यापार पर पूर्ण रोक
भारत ने पाकिस्तान के साथ प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष व्यापार पर रोक लगा दी, जिससे पाकिस्तान के $500 मिलियन के निर्यात प्रभावित हुए। पाकिस्तान की कमजोर अर्थव्यवस्था के लिए यह बड़ा झटका है, क्योंकि वह भारत से कच्चा माल और दवाएं आयात करता है। भारत पर इसका असर सीमित है।
सीजफायर के बाद LoC पर स्थिति शांत है, लेकिन इन प्रतिबंधों ने दोनों देशों के बीच विश्वास की कमी को उजागर किया। भारत का कहना है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम नहीं उठाता, कोई बातचीत संभव नहीं। पाकिस्तान ने इन प्रतिबंधों को “युद्ध की कार्रवाई” करार दिया है, लेकिन वह आतंकवाद पर कार्रवाई करने को तैयार नहीं दिखता। विशेषज्ञों का मानना है कि इन कदमों से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर लंबे समय तक दबाव रहेगा।
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