नई दिल्ली: संसद के मानसून सत्र के पहले दिन की समाप्ति के बाद उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया। स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना त्यागपत्र सौंपा, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी। यह भारतीय इतिहास में पहला मौका है जब किसी उपराष्ट्रपति ने सत्र के दौरान इस्तीफा दिया हो। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि मानसून सत्र में राज्यसभा की कार्यवाही कौन संचालित करेगा?
स्वास्थ्य कारण या सियासी दबाव?
जगदीप धनखड़ ने अपने इस्तीफे में स्वास्थ्य कारणों को वजह बताया। राष्ट्रपति को लिखे पत्र में उन्होंने कहा, “स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने और चिकित्सीय सलाह का पालन करने के लिए, मैं संविधान के अनुच्छेद 67(क) के तहत तत्काल प्रभाव से उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा देता हूं।” 74 वर्षीय धनखड़ मार्च 2025 में एम्स में एंजियोप्लास्टी के लिए भर्ती हुए थे, लेकिन सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही संचालित करते समय वह स्वस्थ दिखाई दिए। उनके अचानक इस्तीफे ने सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने X पर लिखा, “यह अप्रत्याशित इस्तीफा सिर्फ स्वास्थ्य तक सीमित नहीं है। पीएम मोदी धनखड़ को मनाएं, यह राष्ट्रहित में होगा।”
राज्यसभा का संचालन: हरिवंश नारायण सिंह लेंगे कमान
संविधान के अनुच्छेद 89(1) के अनुसार, उपराष्ट्रपति की अनुपस्थिति में राज्यसभा के उप सभापति सत्र की जिम्मेदारी संभालते हैं। वर्तमान में यह पद हरिवंश नारायण सिंह के पास है, जो 2020 से उप सभापति हैं। धनखड़ के इस्तीफे के बाद, जब तक नया उपराष्ट्रपति चुना नहीं जाता, हरिवंश नारायण सिंह राज्यसभा की कार्यवाही संचालित करेंगे। मानसून सत्र, जो 21 अगस्त तक चलेगा, में 15 विधेयक पेश होने हैं, जिनमें इनकम टैक्स बिल, 2025 और मणिपुर जीएसटी (संशोधन) बिल शामिल हैं। ऐसे में उप सभापति की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
विपक्ष की प्रतिक्रिया और सियासी अटकलें
धनखड़ के इस्तीफे ने विपक्ष को सरकार पर हमला करने का मौका दे दिया। कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने कहा, “शाम 5:45 बजे तक वह स्वस्थ थे। अचानक इस्तीफा चौंकाने वाला है।” शिवसेना (UBT) नेता आनंद दुबे ने X पर लिखा, “सत्र के पहले दिन इस्तीफा देना हैरान करता है। सरकार में क्या चल रहा है?” कुछ नेताओं ने अटकलें लगाईं कि धनखड़ का बीजेपी नेतृत्व के साथ टकराव हो सकता है। X पर @KDanishAli ने पोस्ट किया, “क्या योगी आदित्यनाथ को उपराष्ट्रपति बनाने की तैयारी है?” हालांकि, ये अटकलें अभी अपुष्ट हैं।
धनखड़ का कार्यकाल और विवाद
जगदीप धनखड़ ने 6 अगस्त 2022 को उपराष्ट्रपति चुनाव में मार्गरेट अल्वा को हराकर पद संभाला था। 725 में से 528 वोटों के साथ उनकी जीत हुई थी। उपराष्ट्रपति के रूप में उन्होंने संसद की सर्वोच्चता का मुद्दा उठाया और सुप्रीम कोर्ट के ‘मौलिक संरचना सिद्धांत’ पर सवाल उठाए। उनके कार्यकाल में विपक्ष के साथ कई टकराव हुए। टीएमसी और आप ने उन पर बीजेपी के पक्ष में कार्यवाही संचालित करने का आरोप लगाया। 2024 में विपक्ष ने उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी लाया था, जिसे उप सभापति हरिवंश ने खारिज कर दिया था।
अगला उपराष्ट्रपति: चुनाव की प्रक्रिया
संविधान के अनुच्छेद 66 के अनुसार, उपराष्ट्रपति का चुनाव लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों (निर्वाचित और मनोनीत) द्वारा किया जाता है। उम्मीदवार की आयु 35 वर्ष से अधिक होनी चाहिए और उसे राज्यसभा सदस्य की योग्यताएं पूरी करनी होंगी। चुनाव आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली (सिंगल ट्रांसफरेबल वोट) के तहत होता है। 787 सांसदों के मतदान पर कोटा 394 वोट होता है। धनखड़ का कार्यकाल अगस्त 2027 तक था, और नया चुनाव 60 दिनों के भीतर होना आवश्यक है। सूत्रों के अनुसार, बीजेपी नीतीश कुमार या वसुंधरा राजे जैसे नामों पर विचार कर सकती है।
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