नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने 25 जून 2025 को Axiom-4 मिशन के तहत स्पेसएक्स के ड्रैगन यान से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरी, और वह ISS पहुंचने वाले पहले भारतीय अंतरिक्ष यात्री बनने की राह पर हैं। इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X पर बधाई देते हुए लिखा, “हम भारत, हंगरी, पोलैंड और अमेरिका के अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर अंतरिक्ष मिशन के सफल प्रक्षेपण का स्वागत करते हैं। भारतीय अंतरिक्ष यात्री, ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अपने साथ 1.4 बिलियन भारतीयों की इच्छाएँ, उम्मीदें और आकांक्षाएँ लेकर आए हैं। उन्हें और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को सफलता की शुभकामनाएँ।” यह मिशन 1984 में राकेश शर्मा की उड़ान के बाद 41 साल बाद भारत की मानव अंतरिक्ष यात्रा में वापसी का प्रतीक है।
Axiom-4 मिशन का सफल प्रक्षेपण
Axiom-4 मिशन का प्रक्षेपण 25 जून 2025 को सुबह 2:31 बजे EDT (12:01 बजे IST) NASA के कैनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा से फाल्कन-9 रॉकेट के जरिए हुआ। इस मिशन में भारत, अमेरिका, हंगरी और पोलैंड के अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं। मिशन की कमान NASA की अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पेगी व्हिटसन संभाल रही हैं, जबकि शुक्ला मिशन पायलट की भूमिका में हैं। मिशन के अन्य सदस्यों में पोलैंड के स्लावोस्ज उज़नान्स्की-विस्निव्स्की और हंगरी के तिबोर कपु शामिल हैं।
मिशन का उद्देश्य और भारत की भूमिका
Axiom-4 मिशन के तहत अंतरिक्ष यात्री 14 दिन तक ISS पर रहेंगे और 60 वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे, जिनमें से सात भारत द्वारा डिजाइन किए गए हैं। इनमें माइक्रोग्रैविटी में मूंग और मेथी उगाने, फसल बीजों पर अंतरिक्ष के प्रभाव और मांसपेशियों के पुनर्जनन पर अध्ययन शामिल हैं। शुक्ला भारतीय छात्रों के साथ लाइव संवाद भी करेंगे, जो देश में अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति उत्साह बढ़ाएगा। भारत ने इस मिशन के लिए 550 करोड़ रुपये ($60 मिलियन) में शुक्ला की सीट बुक की थी।
शुभांशु शुक्ला: भारत का गौरव
39 वर्षीय ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, जो भारतीय वायुसेना के टेस्ट पायलट हैं, ने 2000 घंटे से अधिक की उड़ान का अनुभव हासिल किया है और Su-30 MKI, MiG-21, Jaguar जैसे विमानों को उड़ा चुके हैं। उन्होंने रूस के यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर और ISRO के बेंगलुरु केंद्र में प्रशिक्षण लिया। शुक्ला ने कहा, “यह मिशन 1.4 अरब भारतीयों की यात्रा है। मैं देश की नई पीढ़ी में जिज्ञासा जगाना चाहता हूं।”
मिशन की चुनौतियां और तैयारी
Axiom-4 मिशन की लॉन्चिंग में कई बार देरी हुई थी। शुरू में 29 मई 2025 को निर्धारित यह मिशन खराब मौसम और फाल्कन-9 रॉकेट में लिक्विड ऑक्सीजन लीक जैसी तकनीकी समस्याओं के कारण छह बार स्थगित हुआ। आखिरकार, 25 जून को लॉन्च की पुष्टि हुई। शुक्ला, जो वर्तमान में क्वारनटीन में थे, को मेडिकल क्लीयरेंस मिल चुका है। मिशन की टीम 26 जून को सुबह 7 बजे EDT (4:30 बजे IST) ISS से जुड़ेगी।
आकाश गंगा और भविष्य की योजनाएं
भारत ने इस मिशन को अनौपचारिक रूप से ‘आकाश गंगा’ नाम दिया है, जो देश की अंतरिक्ष महत्वाकांक्षाओं को दर्शाता है। यह मिशन ISRO के गगनयान मिशन (2027) और भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन (2035) की तैयारियों के लिए महत्वपूर्ण अनुभव प्रदान करेगा। ISRO ने X पर लिखा, “शुभांशु शुक्ला की उड़ान भारत के अंतरिक्ष सपनों को नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।”
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