पटना: बिहार विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन बुधवार को भारी हंगामा देखने को मिला। विपक्षी विधायकों ने वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और कानून-व्यवस्था को लेकर काले कपड़े पहनकर प्रदर्शन किया। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच तीखी नोकझोंक हुई। नीतीश ने तेजस्वी के पिता लालू प्रसाद और मां राबड़ी देवी के शासनकाल की याद दिलाते हुए कहा, “पटना में कोई शाम को निकलता था? पहले बुरा हाल था। हमने 20 साल में कितना काम किया!
तेजस्वी ने SIR पर सवाल उठाया
तेजस्वी ने SIR पर सवाल उठाते हुए कहा, “लालू जी कहते हैं, वोट का राज यानी छोट का राज। SIR की प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता की कमी है। 11 दस्तावेज मांगे गए, जो गरीबों के पास नहीं हैं। आधार को क्यों नहीं जोड़ा गया?” उन्होंने आरोप लगाया कि SIR से गरीबों और प्रवासियों के वोटिंग अधिकार छीने जा रहे हैं। डिप्टी CM विजय सिन्हा ने जवाब में तेजस्वी पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया।
भाई वीरेंद्र की टिप्पणी शोभनीय नहीं,
स्पीकर नंद किशोर यादव ने विपक्ष के विरोध को लोकतंत्र की आत्मा बताया, लेकिन राजद विधायक भाई वीरेंद्र की आपत्तिजनक टिप्पणी पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “कल के प्रदर्शन में सचिवालय कर्मचारियों को चोट लगी। भाई वीरेंद्र की टिप्पणी शोभनीय नहीं, उन्हें खेद व्यक्त करना चाहिए।” तेजस्वी ने जवाब में कहा, “अगर किसी की बात से ठेस पहुंची तो दुख न मानें।” हंगामे के बीच स्पीकर ने कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी।
नीतीश ने कहा, “चुनाव में जनता तय करेगी।
विपक्ष ने SIR को अल्पसंख्यकों और गरीबों के मताधिकार के खिलाफ बताया, जबकि सरकार ने इसे पारदर्शी और संवैधानिक करार दिया। नीतीश ने कहा, “चुनाव में जनता तय करेगी। हमने महिलाओं और विकास के लिए काम किया, पहले क्या था?” यह सत्र, जो 25 जुलाई तक चलेगा, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले सियासी माहौल गरमा रहा है।