अधीक्षण अभियंता जेपी वर्मा निलंबित, मुख्य विकास अधिकारी से अभद्रता और भ्रष्टाचार के आरोप

रिपोर्टर : नितिन कुमार , शाहजहांपुर

शाहजहांपुर: मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के अधीक्षण अभियंता जेपी वर्मा को भ्रष्टाचार और मुख्य विकास अधिकारी (CDO) अपराजिता सिंह से फोन पर अभद्रता के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। प्रबंध निदेशक रिया केजरीवाल ने तत्काल प्रभाव से उन्हें गोंडा से संबद्ध किया। वर्मा पर पहले भी भ्रष्टाचार, कर्मचारी शोषण और अनैतिक कार्यों के आरोप लग चुके हैं, जिसके चलते वह कई बार निलंबित हो चुके हैं।

CDO से अभद्रता का मामला

CDO अपराजिता सिंह ने शिकायत की कि उनके आवास पर लगे स्मार्ट मीटर में हाई वोल्टेज सप्लाई से उपकरण फुंक गए। जब उन्होंने वर्मा से इस बारे में बात की, तो वर्मा ने अभद्रता की। इस शिकायत के बाद निगम ने जांच के आदेश दिए, और प्रारंभिक जांच में वर्मा दोषी पाए गए। इसके चलते उनका निलंबन हुआ।

भ्रष्टाचार के पुराने मामले

जेपी वर्मा पर पहले भी गंभीर आरोप लगे हैं। उन्होंने बिना अनुमति जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल तक 1.5 किमी विद्युत लाइन खिंचवाकर कथित तौर पर करोड़ों का घोटाला किया। समाचार पत्रों में खबरें छपने और लिखित शिकायत के बावजूद, सत्ताधारी नेताओं के दबाव में कार्रवाई दबा दी गई। इसके अलावा, वर्मा ने बिना एस्टीमेट के कई विद्युत लाइनों को शिफ्ट कराया, जिससे भ्रष्टाचार के आरोप और गहराए।

कर्मचारी शोषण और सत्ताधारी समर्थन

वर्मा अपने अधीनस्थ कर्मचारियों पर अनैतिक कार्यों के लिए दबाव बनाने और बिना कारण ट्रांसफर-पोस्टिंग कर धन उगाही के लिए कुख्यात थे। उनके खिलाफ BJP सांसद अरुण कुमार सागर और नगर निगम पार्षदों ने भी शिकायतें कीं, लेकिन सत्ताधारी नेताओं और मंत्रियों के करीबी होने के कारण वह बचते रहे। उनकी तिकड़मबाजी ने उन्हें अधिशासी से अधीक्षण अभियंता के पद पर पदोन्नति दिलाई, जबकि आयोग्यता के आधार पर उनकी पदोन्नति रोकी गई थी।

विभाग में खुशी

वर्मा के निलंबन से विद्युत विभाग के कर्मचारियों में खुशी की लहर है। कर्मचारी उनके उत्पीड़न और शोषण से त्रस्त थे। एक कर्मचारी ने कहा, “वर्मा का निलंबन कर्मचारियों के लिए राहत है। उनके दबाव में अनैतिक कार्य करने पड़ते थे।” स्थानीय लोगों ने भी CDO की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई की सराहना की।

आगे की कार्रवाई

मध्यांचल निगम ने वर्मा के खिलाफ विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं। उनके पिछले कार्यकालों में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं की फाइलें खोली जाएंगी। रिया केजरीवाल ने कहा, “भ्रष्टाचार और अभद्रता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी आरोपों की गहन जांच होगी।” इस बीच, गोंडा में वर्मा को कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नहीं दी जाएगी।

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