नाबालिग किशोरी को पैसे का लालच देकर जिहादी ट्रेनिंग के लिए  केरल ले जाया गया

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के फूलपुर थाना क्षेत्र से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक 15 वर्षीय नाबालिग दलित किशोरी को पैसे और बेहतर भविष्य का लालच देकर केरल ले जाया गया और वहां जबरन धर्मांतरण कर जिहादी ट्रेनिंग देने की कोशिश की गई। इस मामले में पुलिस ने दो आरोपियों, दरकशा बानो और मोहम्मद कैफ, को गिरफ्तार किया है, जबकि मुख्य साजिशकर्ता ताज मोहम्मद फरार है। पुलिस और एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (ATS) इस मामले की गहन जांच कर रही है।

मामले का खुलासा

पीड़ित किशोरी के बयान के अनुसार, 8 मई 2025 की रात वह अपने गांव में एक कोटेदार के घर आयोजित शादी समारोह में जा रही थी। रास्ते में उसे उसकी पड़ोसी दरकशा बानो मिली, जो तिलहट गांव की रहने वाली है। दरकशा ने किशोरी को पैसे, नौकरी, और मुफ्त रहने-खाने का लालच देकर अपने साथ चलने के लिए बहलाया। किशोरी ने पुलिस को बताया कि दरकशा अक्सर उसे कहती थी, “इस्लाम अपनाओ, पैसे मिलेंगे,” और इस्लाम को अन्य धर्मों से बेहतर बताकर उसका ब्रेनवॉश करने की कोशिश करती थी।

केरल तक का सफर

दरकशा ने किशोरी को अपने साथी मोहम्मद कैफ के साथ बाइक पर प्रयागराज जंक्शन ले गई। किशोरी ने आरोप लगाया कि रास्ते में कैफ ने उसके साथ अश्लील हरकतें कीं, लेकिन दरकशा ने कोई विरोध नहीं किया। इसके बाद, दरकशा किशोरी को ट्रेन से पहले दिल्ली और फिर वहां से केरल के त्रिशूर ले गई। पुलिस जांच में पता चला कि दिल्ली में दरकशा को ताज मोहम्मद ने सहायता प्रदान की, जो इस साजिश का मुख्य सूत्रधार माना जा रहा है। ताज ने दरकशा को एक पर्ची दी, जिसके आधार पर किशोरी को केरल ले जाया गया।

केरल में धर्मांतरण और जिहादी ट्रेनिंग का दबाव

केरल पहुंचने पर किशोरी को त्रिशूर के एक हॉस्टल में ले जाया गया, जहां उसे कई संदिग्ध लोगों और लंबी दाढ़ी वाले व्यक्तियों से मिलवाया गया। किशोरी के अनुसार, वहां उसे पहले दीनी तालीम दी गई, हिजाब पहनना सिखाया गया, और फिर जबरन धर्म परिवर्तन कराया गया। इसके बाद, उसे जिहादी गतिविधियों में शामिल होने और आतंकी प्रशिक्षण लेने के लिए दबाव डाला गया। किशोरी ने बताया कि वहां कई मुस्लिम लड़के और अन्य लड़कियां भी थीं, जिन्हें इसी तरह बहलाया गया था। डर और घबराहट के कारण किशोरी मौका पाकर त्रिशूर रेलवे स्टेशन भाग निकली।

किशोरी का साहसिक पलायन

त्रिशूर रेलवे स्टेशन पर पहुंचने पर किशोरी ने अपनी मां को फोन कर अपनी आपबीती सुनाई। इस दौरान दरकशा भी स्टेशन पहुंच गई और किशोरी से झगड़ने लगी, लेकिन टीटीई ने दोनों को पकड़कर स्थानीय पुलिस को सौंप दिया। केरल पुलिस ने किशोरी को बाल कल्याण समिति के हवाले किया, और उसकी मां की शिकायत पर फूलपुर पुलिस ने उसे सुरक्षित प्रयागराज वापस लाया। वर्तमान में किशोरी को सुरक्षा के लिए वन स्टॉप सेंटर में रखा गया है।

पुलिस और ATS की कार्रवाई

फूलपुर पुलिस ने किशोरी की मां गुड्डी देवी की तहरीर पर 28 जून 2025 को अपहरण, आपराधिक षडयंत्र, धमकी, और एससी/एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया। मंगलवार, 2 जुलाई 2025 को दरकशा बानो और मोहम्मद कैफ को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में नैनी जेल भेज दिया गया। किशोरी का बयान मजिस्ट्रेट के समक्ष दर्ज किया गया, जिसमें वह अपने बयान पर कायम रही। पुलिस सूत्रों के अनुसार, यदि किशोरी अपने बयान पर अडिग रहती है, तो मामले में उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) अधिनियम की धाराएं भी जोड़ी जा सकती हैं।

ATS ने भी इस मामले में जांच शुरू कर दी है और दोनों आरोपियों से फूलपुर थाने में तीन घंटे तक गहन पूछताछ की। जांच में पता चला कि दरकशा एक संगठित गिरोह का हिस्सा है, जो गरीब और दलित लड़कियों को निशाना बनाकर उन्हें पैसे का लालच देकर धर्मांतरण और आतंकी गतिविधियों में शामिल करता है। ATS अंतरराष्ट्रीय कट्टरपंथी नेटवर्क से इस गिरोह के संभावित संबंधों की जांच कर रही है।

मुख्य साजिशकर्ता की तलाश

पुलिस और ATS को ताज मोहम्मद की तलाश है, जो इस साजिश का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। ताज, जो फूलपुर का मूल निवासी है, कई वर्षों से केरल में रह रहा है और वहां नौकरी करने का दावा करता है। पुलिस को संदेह है कि वह छत्तीसगढ़ में भी सक्रिय हो सकता है। ताज की गिरफ्तारी के लिए प्रयागराज पुलिस ने केरल और छत्तीसगढ़ में छापेमारी तेज कर दी है, और केरल पुलिस के साथ समन्वय में सर्विलांस का सहारा लिया जा रहा है। दरकशा के मोबाइल की कॉल डिटेल से पता चला कि उसकी ताज से 8 मई से 9 मई के बीच 13 बार बात हुई थी।

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