नई दिल्लीः सऊदी अरब ने भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, मिस्र, इंडोनेशिया, इराक, नाइजीरिया, जॉर्डन, अल्जीरिया, सूडान, इथियोपिया, ट्यूनीशिया, यमन और मोरक्को सहित 14 देशों के नागरिकों के लिए उमराह, व्यापार और पारिवारिक यात्रा वीजा जारी करने पर अस्थायी रोक लगा दी है। यह प्रतिबंध मध्य जून 2025 तक लागू रहेगा, जो हज तीर्थयात्रा के समापन के साथ समाप्त होगा। सऊदी अधिकारियों ने इस कदम को हज के दौरान भीड़भाड़ और सुरक्षा जोखिमों को कम करने की दिशा में उठाया है।
अवैध हज भागीदारी पर लगाम
रिपोर्ट्स के अनुसार, यह प्रतिबंध इसलिए जरूरी हुआ क्योंकि कई विदेशी नागरिक उमराह या अन्य यात्रा वीजा पर सऊदी अरब में प्रवेश करते हैं और फिर आधिकारिक पंजीकरण के बिना हज करने के लिए अवैध रूप से रुक जाते हैं। 2024 के हज के दौरान ऐसी अनधिकृत भागीदारी के कारण भीषण गर्मी और भीड़भाड़ से 1,200 से अधिक तीर्थयात्रियों की मौत हो गई थी। सऊदी सरकार का कहना है कि यह कदम अनधिकृत तीर्थयात्रियों को रोकने और हज को सुरक्षित व व्यवस्थित बनाने के लिए उठाया गया है।
13 अप्रैल तक उमराह वीजा धारकों को छूट
सऊदी अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि जिनके पास पहले से उमराह वीजा है, वे 13 अप्रैल, 2025 तक देश में प्रवेश कर सकते हैं। हालांकि, इसके बाद इन 14 देशों के नागरिकों के लिए कोई नया उमराह, व्यापार या पारिवारिक वीजा जारी नहीं किया जाएगा। हज के लिए विशेष रूप से पंजीकृत तीर्थयात्रियों पर यह प्रतिबंध लागू नहीं होगा, जो अपने देशों को आवंटित कोटे के तहत यात्रा कर सकेंगे।
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सुरक्षा और व्यवस्था पर जोर
सऊदी हज और उमराह मंत्रालय ने कहा कि यह प्रतिबंध किसी राजनयिक विवाद से संबंधित नहीं है, बल्कि यह एक शुद्ध रूप से लॉजिस्टिक कदम है। मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि बिना उचित अनुमति के हज करने या वीजा अवधि से अधिक रुकने वालों को पांच साल के लिए देश में प्रवेश पर रोक और 10,000 सऊदी रियाल का जुर्माना लगाया जा सकता है। यह कदम पिछले साल की त्रासदी को दोहराने से रोकने और तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।