सपा ने 3 विधायकों को पार्टी से निकला और 4 को दी चेतावनी

लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) ने 2024 के राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग और पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) गठबंधन के खिलाफ बयानबाजी करने के आरोप में तीन विधायकों को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। गोशाईगंज से अभय सिंह, गौरीगंज से राकेश प्रताप सिंह और ऊंचाहार से मनोज कुमार पांडेय पर पार्टी विरोधी गतिविधियों और सांप्रदायिक-विभाजनकारी राजनीति को बढ़ावा देने का आरोप है। सपा ने साफ कर दिया है कि जनविरोधी और पार्टी विचारधारा के खिलाफ काम करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

निष्किास का कारण

सपा ने X पर आधिकारिक पोस्ट में कहा, “समाजवादी सौहार्दपूर्ण विचारधारा के विपरीत सांप्रदायिक, विभाजनकारी और पीडीए विरोधी गतिविधियों के कारण अभय सिंह, राकेश प्रताप सिंह और मनोज कुमार पांडेय को पार्टी से निष्कासित किया जाता है। इन्हें सुधरने के लिए दी गई ‘अनुग्रह-अवधि’ समाप्त हो चुकी है।” पार्टी ने यह भी चेतावनी दी कि भविष्य में जनविरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों के लिए सपा में कोई जगह नहीं होगी।

2024 राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग

फरवरी 2024 के राज्यसभा चुनाव में सपा के सात विधायकों ने पार्टी लाइन तोड़कर बीजेपी उम्मीदवारों के पक्ष में वोट दिया था। सपा के पास 108 विधायकों के साथ तीन सीटें जीतने की ताकत थी, लेकिन क्रॉस वोटिंग के कारण बीजेपी के आठवें उम्मीदवार संजय सेठ की जीत हुई, जबकि सपा के तीसरे उम्मीदवार अलोक रंजन हार गए। इस घटना ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव को झटका दिया था। सपा ने इसे “गद्दारी” करार दिया, जबकि बीजेपी ने इसे “अंतरात्मा की आवाज” बताया।

तीन निष्कासित, चार को क्यों बख्शा?

सपा प्रवक्ता फखरुल हसन चांद ने स्पष्ट किया कि तीन विधायकों को इसलिए निष्कासित किया गया क्योंकि वे लगातार पीडीए के खिलाफ बयानबाजी और बीजेपी के साथ जुड़ाव दिखाते रहे। बाकी चार विधायकों ने अपनी गलती मानी और पार्टी लाइन पर लौट आए, इसलिए उन्हें चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। सपा ने कहा, “जिनका व्यवहार अच्छा रहा, उनकी समय-सीमा बाकी है।”

सपा का पीडीए फॉर्मूला

सपा का पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) फॉर्मूला 2024 के लोकसभा चुनाव में 37 सीटें जीतने में अहम रहा। पार्टी ने इसे अपनी ताकत बताया, लेकिन क्रॉस वोटिंग ने इस गठबंधन को चुनौती दी थी। अखिलेश यादव ने कहा था कि तीसरा उम्मीदवार उतारना “वफादारी का टेस्ट” था, जिसने बागियों को उजागर किया।

बीजेपी नेताओं ने इस कार्रवाई पर तंज कसते हुए कहा, “सपा का परिवार टूट रहा है।”

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