बेंगलुरु में RCB की जीत का जश्न मातम में बदला: चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ में 11 की मौत

बेंगलुरु: 18 साल के लंबे इंतजार के बाद रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की पहली IPL ट्रॉफी जीत का जश्न बेंगलुरु में उस वक्त मातम में बदल गया, जब चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर भगदड़ में 11 लोगों की मौत हो गई और 33 लोग घायल हो गए। यह हादसा बुधवार (4 जून 2025) को तब हुआ, जब लाखों प्रशंसक स्टेडियम और विधान सौधा के आसपास RCB की विजय परेड और समारोह में शामिल होने के लिए जमा हुए थे।

भगदड़ और प्रशासनिक लापरवाही

हादसा उस समय हुआ जब स्टेडियम के गेट पर भारी भीड़ ने जबरन प्रवेश करने की कोशिश की। स्टेडियम की क्षमता 35,000 थी, लेकिन 2-3 लाख लोग पहुंच गए। पुलिस और आयोजकों की ओर से भीड़ प्रबंधन में भारी चूक हुई। कई प्रशंसकों ने बताया कि टिकट वितरण को लेकर अफवाहें और अस्पष्ट संदेशों ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। स्टेडियम के बाहर लोग एक-दूसरे पर चढ़ गए, जिससे भगदड़ मच गई। कई लोग कुचल गए, और कुछ को सांस लेने में दिक्कत हुई।

हादसे का दर्दनाक मंजर

हादसे में 11 लोगों की मौत की पुष्टि हुई। बावरिंग अस्पताल में 6 शव लाए गए, जिनमें 13 वर्षीय दिव्यांशी, 26 वर्षीय दिया, 21 वर्षीय श्रवण समेत तीन युवतियां और तीन युवक शामिल हैं। दो की पहचान अभी तक नहीं हो सकी है। वायदेही अस्पताल में 4 शव पहुंचे- 20 वर्षीय भूमिक, 19 वर्षीय साहना, एक 20 वर्षीय युवक और एक 35 वर्षीय व्यक्ति की मौत हुई। मणिपाल अस्पताल में 19 वर्षीय चिन्मयी ने दम तोड़ा। 33 घायलों में से 18 अभी भी विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं, जिसमें कुछ की हालत गंभीर है।

स्टेडियम के अंदर जश्न, बाहर मातम

हैरानी की बात यह रही कि जब स्टेडियम के बाहर लोग जान गंवा रहे थे, तब अंदर RCB खिलाड़ी और नेता जश्न मना रहे थे। प्रशंसकों को CPR तक नहीं मिल सका, जबकि अंदर रंगारंग कार्यक्रम चल रहा था। विराट कोहली और कप्तान रजत पाटीदार ने ट्रॉफी के साथ स्टेडियम का चक्कर लगाया, लेकिन बाहर की स्थिति से अनजान रहे। बाद में RCB ने बयान जारी कर दुख जताया और कहा कि जैसे ही उन्हें स्थिति की जानकारी मिली, उन्होंने कार्यक्रम को छोटा कर दिया।

नेताओं और संगठनों की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने हादसे पर दुख जताया और मृतकों के परिजनों को 10 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया। उन्होंने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए। पीएम नरेंद्र मोदी ने इसे “हृदयविदारक” बताया और घायलों के जल्द ठीक होने की कामना की। BCCI सचिव देवजीत सैकिया ने इसे आयोजकों की लापरवाही करार दिया। विपक्षी दलों ने कांग्रेस सरकार पर “आपराधिक लापरवाही” का आरोप लगाया।

सवालों के घेरे में प्रशासन

यह हादसा प्रशासनिक विफलता का प्रतीक बन गया है। ना तो भीड़ प्रबंधन के लिए पर्याप्त पुलिस बल था, ना ही ट्रैफिक कंट्रोल के लिए उचित इंतजाम। मेट्रो स्टेशनों पर भी भारी भीड़ के कारण सेवाएं रोकनी पड़ीं। यह घटना RCB की जीत की खुशी को एक काले अध्याय में बदल गई।

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