देहरादून: उत्तराखंड के चमोली जिले में भारी बारिश ने तबाही मचाई है। पीपलकोटी के टंगणी क्षेत्र में मूसलाधार बारिश से बरसाती नाले उफान पर आ गए, जिससे भूस्खलन हुआ और चार गाड़ियां मलबे में दब गईं। गनीमत रही कि गाड़ियों को मलबे से निकाल लिया गया और कोई जनहानि नहीं हुई। टंगड़ी पागल नाला उफान पर होने से बद्रीनाथ हाइवे बंद हो गया है, जिसे खोलने के लिए प्रशासन और NDRF की टीमें जुट गई हैं।
तीर्थयात्रियों की बस हादसे का शिकार
टिहरी-गाडोलिया-श्रीनगर मार्ग (NH-707) पर पोखाल के पास एक तीर्थयात्री बस हादसे का शिकार हो गई। बद्रीनाथ धाम जा रही यह बस सड़क किनारे खड़ी थी, जब यात्री पास के होटल में खाना खा रहे थे। तीन यात्री बस में चढ़े ही थे कि बस अनियंत्रित होकर 10 मीटर नीचे एक मकान की छत पर गिर गई। हादसे में तीन यात्री घायल हुए, जिन्हें 108 एंबुलेंस से श्रीनगर के बेस अस्पताल ले जाया गया। बस में सवार सभी यात्री ओडिशा के हैं और अन्य यात्री सुरक्षित हैं।
हिमाचल में भी बारिश और बाढ़ का प्रकोप
उत्तराखंड के साथ-साथ हिमाचल प्रदेश में भी भारी बारिश ने जनजीवन प्रभावित किया है। ग्लेशियर पिघलने और बारिश के कारण पंडोह बांध का जलस्तर बढ़ गया है। अधिकारियों ने व्यास नदी के किनारे न जाने की चेतावनी जारी की है, क्योंकि बांध के गेट कभी भी खोले जा सकते हैं। मंडी और शिमला में घने बादल छाए रहे, जबकि सुंदरनगर में तूफान से पेड़ उखड़ गए, जिससे स्कूली बच्चों और दफ्तर जाने वालों को परेशानी हुई। लाहौल-स्पीति के उदयपुर में अचानक बाढ़ से संसारी-किलाड़-टिंडी-थिरोट मार्ग बंद हो गया। पुलिस ने लोगों से इस मार्ग पर यात्रा से बचने को कहा है।
मौसम विभाग की चेतावनी
मौसम विभाग ने उत्तराखंड और हिमाचल में अगले कुछ दिनों तक बारिश और गरज-चमक की संभावना जताई है। चमोली, नैनीताल समेत कई जिलों में भूस्खलन और सड़क अवरोध का खतरा बना हुआ है। प्रशासन ने यात्रियों से सुरक्षित स्थानों पर रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है।
राहत और बचाव कार्य
चमोली प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य तेज कर दिए हैं। हाइवे खोलने के लिए मशीनें लगाई गई हैं, और प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। चारधाम यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। स्थानीय लोग और यात्री प्रशासन से जल्द से जल्द स्थिति सामान्य करने की मांग कर रहे हैं।