पटना: लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी की जड़ें मजबूत करने में जुट गए हैं। इसके तहत वे 15 मई को दरभंगा में ‘शिक्षा न्याय संवाद’ कार्यक्रम की शुरुआत करेंगे। यह जनसंपर्क अभियान बिहार में शिक्षा क्षेत्र की समस्याओं, जैसे शैक्षणिक सत्र में देरी, प्रश्नपत्र लीक, और छात्रों पर सरकारी दमन, को उजागर करेगा। NSUI के राष्ट्रीय प्रभारी कन्हैया कुमार ने बताया कि इस दिन कांग्रेस के 60 से अधिक राष्ट्रीय नेता राज्य के विभिन्न हिस्सों में शिक्षा न्याय यात्रा में शामिल होंगे।
शिक्षा न्याय संवाद: छात्रों की आवाज
कन्हैया कुमार ने कहा, “हमारे नेता कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और छात्रावासों में जाकर छात्रों से उनकी समस्याओं पर बात करेंगे। प्राप्त फीडबैक का उपयोग ‘न्याय पत्र’ तैयार करने में होगा, जो ‘इंडिया’ गठबंधन की अगली सरकार बनने पर लागू किया जाएगा।” उन्होंने नीतीश कुमार की ‘डबल इंजन सरकार’ पर निशाना साधते हुए कहा कि यह बिहार को विकास में पीछे रख रही है, जबकि गुजरात को निवेश और बुलेट ट्रेन जैसे प्रोजेक्ट्स मिल रहे हैं।
जाति जनगणना और आरक्षण पर जोर
कुमार ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस तेलंगाना मॉडल से प्रेरित वैज्ञानिक जाति जनगणना की वकालत करती है। उन्होंने कहा, “हम 50% आरक्षण की सीमा हटाने और प्रत्येक जाति को उसकी जनसंख्या के अनुरूप हिस्सेदारी देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अगर जरूरत पड़ी, तो आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए 10% कोटा भी बढ़ाया जा सकता है।” उन्होंने जोर दिया कि समानता से समाज के सभी वर्गों को लाभ होगा।
‘पलायन रोको’ की आलोचना पर जवाब
कन्हैया ने ‘पलायन रोको नौकरी दो’ यात्रा को ‘फ्लॉप’ बताने की आलोचना को खारिज करते हुए कहा, “हम फिल्म नहीं बना रहे। जनता को जोड़ना एक सतत प्रक्रिया है।” यह अभियान बिहार में युवाओं और शिक्षा से जुड़े मुद्दों को केंद्र में लाने का प्रयास है।
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