ऑपरेशन सिंदूर पर PM मोदी की लोकसभा में दहाड़ “कॉन्ग्रेस ने हमेशा राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया, भारत अब न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग के सामने नहीं झुकेगा”

नई दिल्ली: लोकसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंदूर और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर कॉन्ग्रेस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कॉन्ग्रेस पर देश के सैन्य पराक्रम को कमजोर करने और पाकिस्तान को क्लीन चिट देने का आरोप लगाया। PM मोदी ने कहा कि कॉन्ग्रेस ने हमेशा राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया, जबकि उनकी सरकार ने सेना को मजबूत कर आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को तकनीकी और सैन्य सफलता का प्रतीक बताते हुए कहा कि यह भारत के नए, आत्मनिर्भर और सशक्त रुख का प्रमाण है।

ऑपरेशन सिंदूर: 22 मिनट में लिया बदला

PM मोदी ने कहा, “22 अप्रैल 2025 को पाकिस्तान ने 1,000 मिसाइलों और ड्रोन से भारत पर हमला करने की कोशिश की थी। हमारे एयर डिफेंस सिस्टम ने इन मिसाइलों को आसमान में ही चूर-चूर कर दिया। ऑपरेशन सिंदूर में 22 मिनट में सेना ने निर्धारित लक्ष्य के साथ इसका बदला लिया।” उन्होंने बताया कि सेना को कार्रवाई की पूरी छूट दी गई थी कि कब, कहां और कैसे जवाब देना है। इस ऑपरेशन ने पाकिस्तान के न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग के दावों को झूठा साबित कर दिया। PM ने कहा, “पाकिस्तान के कई एयरबेस आज भी ICU में हैं। यह भारत की तकनीकी महारत और सैन्य शक्ति का सबूत है।”

कॉन्ग्रेस पर तीखा हमला

प्रधानमंत्री ने कॉन्ग्रेस पर राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर तुष्टिकरण और कमजोरी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “कॉ भारत के विजय के क्षण को उपहास में बदलना चाहती है। कॉन्ग्रेस ने हमेशा राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया। 2004-2014 के बीच आतंकी घटनाएं आम थीं, लेकिन कॉन्ग्रेस ने आतंकवाद को फलने-फूलने दिया।” उन्होंने कॉन्ग्रेस के एक बड़े नेता का जिक्र करते हुए कहा, “इन्होंने अमेरिकी राजनयिक को कह दिया था कि लश्कर से बड़ा खतरा हिंदुत्व है। कॉन्ग्रेस दुनिया को हिंदू आतंकवाद की थ्योरी बेचने में लगी थी।”

PM ने 1971 की जंग का उदाहरण देते हुए कहा, “जब 93,000 पाकिस्तानी सैनिक हमारे बंदी थे, हजारों किलोमीटर जमीन पर हमारा कब्जा था, तब POK और करतारपुर साहिब वापस लिया जा सकता था। लेकिन कॉन्ग्रेस की कमजोर नीति ने यह मौका गंवा दिया।” उन्होंने 1962-63 में जम्मू-कश्मीर के कुछ हिस्सों को छोड़ने के प्रस्ताव और 1966 में कच्छ के रण पर मध्यस्थता स्वीकार करने को भी कॉन्ग्रेस की कमजोरी बताया।

सिंधु जल समझौता: भारत के स्वाभिमान पर धोखा

PM मोदी ने सिंधु जल समझौते को भारत के स्वाभिमान के साथ धोखा करार दिया। उन्होंने कहा, “नेहरू जी ने कहा था कि यह समझौता समस्याओं का समाधान करेगा, लेकिन हम वहीं के वहीं हैं। बांध हमारा, पानी हमारा, लेकिन पाकिस्तान तय करता है कि डीसिल्टिंग नहीं होगी।” उन्होंने बताया कि नेहरू ने पाकिस्तान को नहर बनाने के लिए करोड़ों रुपये भी दिए, जिसके कारण भारत के राज्यों में पानी को लेकर विवाद बढ़े। PM ने कहा, “सिंधु नदी से भारत की पहचान थी, लेकिन कॉन्ग्रेस ने इसका पंचायती अधिकार वर्ल्ड बैंक को सौंप दिया।”

सेना का सशक्तिकरण और CDS की नियुक्ति

प्रधानमंत्री ने अपनी सरकार के सैन्य सुधारों पर जोर देते हुए कहा, “हमने पहली बार सेना में बड़े सुधार किए। CDS (चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ) की नियुक्ति कोई नया विचार नहीं था, लेकिन हमने इसे लागू किया। सेनाओं ने इसका पूरा समर्थन किया।” उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को सेना के सशक्तिकरण का प्रमाण बताया और कहा कि कॉन्ग्रेस के समय में सेना को मजबूत करने की कभी नहीं सोचा गया।

कॉन्ग्रेस पर निशाना: “पाकिस्तान के रिमोट कंट्रोल से चलती है”

PM ने कॉन्ग्रेस की आलोचना करते हुए कहा, “कॉन्ग्रेस को अपने रक्षा, विदेश और गृह मंत्रियों पर भरोसा नहीं। इनका भरोसा पाकिस्तान के रिमोट कंट्रोल से बनता और बदलता है।” उन्होंने 9 मई को पाकिस्तान के आदमपुर एयरबेस हमले के झूठ को बेनकाब करने का जिक्र करते हुए कहा, “मैं अगले दिन वहां गया और सच सामने लाया।” PM ने कॉन्ग्रेस पर कारगिल विजय को न अपनाने और ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल उठाने का भी आरोप लगाया।

भारत का नया रुख

PM मोदी ने कहा, “आतंकी अब हमले के बाद निश्चिंत नहीं रहते। भारत ने न्यू नॉर्मल सेट किया है, जहां आतंकियों के आकाओं को ऐसी सजा मिलती है कि उनकी रूह कांपती है।” उन्होंने छत्रपति शिवाजी, महाराणा प्रताप, और लचित बोरफुकन जैसे वीरों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत का लोकतंत्र तभी मजबूत होता है, जब उसकी सेनाएं सशक्त होती हैं।

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