नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यूनाइटेड किंगडम और मालदीव की चार दिवसीय यात्रा पर रवाना हुए। यह दौरा दोनों देशों के साथ व्यापार, रक्षा, प्रौद्योगिकी और क्षेत्रीय सहयोग को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण है। पीएम मोदी 23-24 जुलाई को ब्रिटेन और 25-26 जुलाई को मालदीव की राजकीय यात्रा करेंगे।
ब्रिटेन में भारत-यूके एफटीए पर हस्ताक्षर संभावित
ब्रिटेन यात्रा के दौरान पीएम मोदी ब्रिटिश प्रधानमंत्री केयर स्टार्मर के साथ विस्तृत बातचीत करेंगे और महाराजा चार्ल्स तृतीय से मुलाकात करेंगे। स्टार्मर लंदन से 50 किमी दूर अपने आधिकारिक निवास चेकर्स में मोदी की मेजबानी करेंगे। इस यात्रा का मुख्य आकर्षण भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) है, जिसे अंतिम रूप देने के लिए अंतिम चरण में काम चल रहा है।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और उनके ब्रिटिश समकक्ष जोनाथन रेनॉल्ड्स इस समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं। यह समझौता 99% भारतीय निर्यातों पर शुल्क कम करेगा और ब्रिटिश व्हिस्की, ऑटोमोबाइल और चिकित्सा उपकरणों के लिए भारतीय बाजार को और खोलेगा।
दोनों देश टेक्नोलॉजी सुरक्षा पहल (टीएसआई) के तहत दूरसंचार, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, जैव प्रौद्योगिकी, सेमीकंडक्टर और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाएंगे। शिक्षा के क्षेत्र में भी प्रगति हो रही है। साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय ने गुरुग्राम में अपना परिसर खोला है, जो भारत की नई शिक्षा नीति के तहत पहला विदेशी विश्वविद्यालय है। कई अन्य ब्रिटिश संस्थान भी भारत में परिसर खोलने की योजना बना रहे हैं।
मालदीव में स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे मोदी
ब्रिटेन के बाद पीएम मोदी 25-26 जुलाई को मालदीव की यात्रा करेंगे, जहां वे राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के निमंत्रण पर 60वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्य अतिथि होंगे। यह मुइज्जू के नवंबर 2023 में पद संभालने के बाद किसी शासनाध्यक्ष की पहली राजकीय यात्रा होगी।
मोदी और मुइज्जू के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी, जिसमें भारत द्वारा समर्थित कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा। दोनों नेता ‘व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी’ के कार्यान्वयन की समीक्षा करेंगे, जो अक्टूबर 2024 में मुइज्जू की भारत यात्रा के दौरान अपनाया गया था।
मालदीव भारत की ‘पड़ोसी प्रथम नीति’ और ‘महासागर विजन’ का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह यात्रा भारत-मालदीव संबंधों को मजबूत करने और क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभाएगी, खासकर तब जब हाल के वर्षों में मालदीव के ‘इंडिया आउट’ अभियान और प्रो-चीन रुख के कारण संबंधों में तनाव देखा गया था।
यात्रा का महत्व
पीएम मोदी की यह यात्रा भारत के वैश्विक कूटनीतिक रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। ब्रिटेन के साथ एफटीए और मालदीव के साथ क्षेत्रीय सहयोग भारत के व्यापार, रक्षा और समुद्री सुरक्षा हितों को बढ़ावा देगा। यह दौरा न केवल द्विपक्षीय संबंधों को गहरा करेगा, बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक स्थिरता में भी भारत की भूमिका को रेखांकित करेगा।
यह भी पढ़ें- बांग्लादेश विमान हादसे में भारत का सहयोग: ढाका के लिए रवाना होगी बर्न स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की टीम