PM मोदी की ट्रंप से 35 मिनट की बातचीत: ऑपरेशन सिंदूर पर बोले- “आतंकवाद पर, मध्यस्थता मंजूर नहीं”

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार, 17 जून 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आग्रह पर 35 मिनट की फोन कॉल में ऑपरेशन सिंदूर और भारत-पाकिस्तान सीजफायर को लेकर सख्त रुख अपनाया। पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत ने पाकिस्तान की रिक्वेस्ट पर ही सीजफायर किया, और इसमें अमेरिका या किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की कोई भूमिका नहीं थी। उन्होंने यह भी कहा कि भारत अब आतंकवाद को प्रॉक्सी वॉर नहीं, बल्कि सीधे युद्ध के रूप में देखता है।

बातचीत का विवरण

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने बताया कि ट्रंप ने पीएम मोदी को कनाडा से अमेरिका रुकने का न्योता दिया, लेकिन पीएम ने क्रोएशिया दौरे के कारण असमर्थता जताई। यह दोनों नेताओं की ऑपरेशन सिंदूर के बाद पहली सीधी बातचीत थी, जो अप्रैल 2025 में पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में शुरू हुई थी। पीएम ने ट्रंप को बताया कि 6-7 मई की रात भारत ने पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों पर सटीक और गैर-उत्तेजक हमले किए।

आतंकवाद पर सख्त रुख

पीएम मोदी ने कहा, “भारत अब आतंकवाद को प्रॉक्सी वॉर नहीं, बल्कि युद्ध मानता है, और ऑपरेशन सिंदूर अभी जारी है।” उन्होंने ट्रंप को साफ किया कि पाकिस्तान के 9-10 मई के ड्रोन और मिसाइल हमलों का भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया, जिससे पाकिस्तानी सैन्य अड्डे निष्क्रिय हो गए। मिसरी ने बताया कि अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वांस ने 9 मई को भारत को पाकिस्तान के संभावित बड़े हमले की चेतावनी दी थी, जिसके जवाब में भारत ने और सख्ती से कार्रवाई की।

मध्यस्थता और व्यापार पर खुलासा

ट्रंप ने बार-बार दावा किया था कि उन्होंने भारत-पाकिस्तान सीजफायर में मध्यस्थता की और व्यापार का दबाव डाला। पीएम मोदी ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा, “न तो व्यापार पर कोई चर्चा हुई, न ही अमेरिका की मध्यस्थता थी।” भारत और पाकिस्तान की सेनाओं ने मौजूदा संचार चैनलों के जरिए सीधे बात की, और सीजफायर पाकिस्तान के अनुरोध पर हुआ। मिसरी ने दोहराया, “भारत ने कभी मध्यस्थता स्वीकार नहीं की, न करेगा।”

इजरायल-ईरान और QUAD पर चर्चा

दोनों नेताओं ने इजरायल-ईरान तनाव पर भी बात की, जहां ट्रंप ने ईरान से “बिना शर्त आत्मसमर्पण” की मांग की है। पीएम मोदी ने रूस-यूक्रेन युद्ध में सीधे संवाद की वकालत की और QUAD की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने ट्रंप को अगले QUAD समिट के लिए भारत आने का न्योता दिया, जिसे ट्रंप ने स्वीकार किया।

G7 में मुलाकात क्यों टली?

मोदी और ट्रंप की मुलाकात G7 समिट (कनाडा) के दौरान होनी थी, लेकिन इजरायल-ईरान युद्ध के कारण ट्रंप 17 जून को जल्दी अमेरिका लौट गए। इसके बाद ट्रंप के आग्रह पर यह फोन कॉल हुई। मिसरी ने बताया कि ट्रंप ने पहलगाम हमले के बाद अप्रैल में भी पीएम मोदी से फोन पर सहानुभूति जताई थी और आतंकवाद के खिलाफ समर्थन दिया था।

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