इलाहाबाद: बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने कंपनी की 273.5 करोड़ रुपये की GST पेनाल्टी को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने GST अधिकारियों को धारा 122 के तहत वसूली कार्रवाई जारी रखने की अनुमति दी, जिससे पतंजलि पर कानूनी कार्रवाई का रास्ता साफ हो गया।
कोर्ट का फैसला और तर्क
न्यायाधीश शेखर बी सराफ और विपिन चंद्र दीक्षित की बेंच ने फैसले में कहा कि धारा 122 के तहत पेनाल्टी सिविल प्रक्रिया है, इसके लिए क्रिमिनल केस की जरूरत नहीं। पतंजलि के वकील ने तर्क दिया था कि धारा 74 में मुख्य व्यक्ति पर कार्रवाई खत्म होने से धारा 122 की पेनाल्टी भी रद्द हो जानी चाहिए, लेकिन कोर्ट ने इसे भ्रामक करार देते हुए खारिज कर दिया। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि धारा 122 में अर्थदंड और धारा 132-138 में अभियोजन अलग-अलग प्रक्रियाएं हैं।
GST चोरी का मामला
पतंजलि की हरिद्वार, सोनीपत, और अहमदनगर स्थित मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स जांच के दायरे में आईं। GST अधिकारियों को संदिग्ध टैक्स लेन-देन का पता चला, जिसमें कुछ फर्में बिना सामान सप्लाई के कागजों पर सर्कुलर ट्रेडिंग कर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का दुरुपयोग कर रही थीं। इन फर्मों के पास इनकम टैक्स से जुड़े ठोस दस्तावेज भी नहीं थे। जांच में पतंजलि पर 273.5 करोड़ रुपये की GST चोरी का आरोप लगा।
पतंजलि की दलीलें नाकाम
पतंजलि ने याचिका में दावा किया था कि इतनी बड़ी पेनाल्टी के लिए आपराधिक सुनवाई होनी चाहिए, लेकिन कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया। यह मामला कारोबारी पारदर्शिता और GST नियमों के अनुपालन पर सवाल उठाता है।
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