पाकिस्तान ने तोड़ा सीजफायर, भारत-चीन के बीच डोभाल-वांग यी की बातचीत

नई दिल्ली: पाकिस्तान ने हालिया सीजफायर समझौते का उल्लंघन करते हुए LoC पर पुंछ और राजौरी में गोलीबारी और रॉकेट हमले किए, जिसमें 15 नागरिक मारे गए। यह उकसावे की कार्रवाई ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के जवाब में थी, जिसमें भारत ने 7 मई को पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों को नष्ट कर 100 से ज्यादा आतंकियों को ढेर किया था। इस बीच, चीनी विदेश मंत्री वांग यी और भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बीच फोन पर बातचीत हुई, जिसमें क्षेत्रीय शांति और आतंकवाद पर चर्चा हुई।

डोभाल-वांग यी की बातचीत

चीनी विदेश मंत्रालय के अनुसार, डोभाल ने कहा कि 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत हुई, जिसके जवाब में भारत को आतंकवाद विरोधी कार्रवाई करनी पड़ी। उन्होंने जोर दिया कि युद्ध भारत की पसंद नहीं है और यह किसी के हित में नहीं। भारत और पाकिस्तान को सीजफायर के प्रति प्रतिबद्ध रहना चाहिए और जल्द से जल्द क्षेत्रीय शांति बहाल करनी चाहिए। वांग यी ने पहलगाम हमले की निंदा की और आतंकवाद के सभी रूपों का विरोध जताया। उन्होंने कहा कि भारत और पाकिस्तान पड़ोसी हैं, और चीन चाहता है कि दोनों संयम बरतें, बातचीत से मतभेद सुलझाएं और स्थिति को नियंत्रण में रखें।

क्षेत्रीय स्थिरता पर जोर

वांग यी ने कहा कि वैश्विक अशांति के बीच एशियाई शांति को संजोना जरूरी है। उन्होंने डोभाल के युद्ध विरोधी रुख की सराहना की और दोनों देशों से परामर्श के जरिए तनाव कम करने की अपील की। डोभाल ने स्पष्ट किया कि भारत की कार्रवाइयां आतंकवाद के खिलाफ थीं, न कि पाकिस्तानी नागरिकों या सैन्य ठिकानों के खिलाफ। उन्होंने पाकिस्तान से आतंकी संगठनों पर कठोर कार्रवाई की मांग की।

अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया

अमेरिका, इसराइल और यूरोपीय संघ ने भारत के आतंकवाद विरोधी कदमों का समर्थन किया है, जबकि कतर और ईरान ने संयम की अपील की। UN ने दोनों देशों से तनाव कम करने को कहा। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि पाकिस्तान की गोलीबारी का जवाब देते हुए भारतीय सेना ने LoC पर सटीक कार्रवाइयां कीं, जिसमें कोई नागरिक हताहत नहीं हुआ।

भारत का रुख

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने कहा, “पाकिस्तान का सीजफायर उल्लंघन आतंकवाद को बढ़ावा देने की उसकी नीति का हिस्सा है। भारत शांति चाहता है, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ कठोर कार्रवाई जारी रखेगा।” रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की S-400 और ब्रह्मोस जैसी मिसाइलें किसी भी हमले को नाकाम करने में सक्षम हैं। डोभाल की वांग यी से बातचीत क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भारत की कूटनीतिक पहल को दर्शाती है।

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