ऑनलाइन देह व्यापार रैकेट का भंडाफोड़, 3 गिरफ्तार, 5 महिलाएं मुक्त; ग्राहकों से प्रति घंटे 4000 रुपये वसूलते थे आरोपी

नवी मुंबई: नवी मुंबई पुलिस की मानव तस्करी रोधी इकाई (AHTU) ने वाशी, नेरुल और तुर्भे इलाकों में सक्रिय एक बड़े ऑनलाइन देह व्यापार रैकेट का पर्दाफाश किया है। इस कार्रवाई में तीन आरोपियों—रैकेट के सरगना, एक बिचौलिए और एक ऑटोरिक्शा ड्राइवर—को गिरफ्तार किया गया, जबकि पांच महिलाओं, जिनमें कुछ नाबालिग शामिल हैं, को तस्करी के जाल से मुक्त कराया गया। पुलिस ने इस रैकेट के तीन अन्य संदिग्धों की तलाश तेज कर दी है।

ऑनलाइन संचालित था रैकेट

पुलिस के अनुसार, यह रैकेट पूरी तरह ऑनलाइन संचालित था। आरोपी व्हाट्सएप और वेबसाइट्स के जरिए ग्राहकों को लुभाते थे। ग्राहकों को गूगल पर एक मोबाइल नंबर सर्च करने पर एस्कॉर्ट सर्विसेज की वेबसाइट्स मिलती थीं, जो व्हाट्सएप चैट पर रीडायरेक्ट करती थीं। चैट के दौरान ग्राहकों को कई महिलाओं की तस्वीरें भेजी जाती थीं और प्रति घंटे 4000 रुपये की मांग की जाती थी। ग्राहकों को वाशी, नेरुल, या तुर्भे के लॉज/होटलों में कमरा बुक करने को कहा जाता था, जहां ऑटोरिक्शा के जरिए महिलाओं को भेजा जाता था।

पुलिस की और छापेमारी

AHTU के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक पृथ्वीराज घोरपड़े को 8 जुलाई 2025 को इस रैकेट की गुप्त सूचना मिली थी। इसके बाद पुलिस ने एक जाल बिछाया और एक नकली ग्राहक को तुर्भे के होटल गोल्डन ओक में भेजा। नकली ग्राहक ने व्हाट्सएप के जरिए संपर्क किया, 4000 रुपये का भुगतान किया और होटल के कमरे की तस्वीरें भेजकर बुकिंग की पुष्टि की। जैसे ही रैकेट के सदस्य ने एक महिला को होटल भेजा, AHTU की टीम ने छापा मारकर उसे मुक्त कराया। पूछताछ में महिला ने बताया कि रैकेट का संचालन राजेशकुमार मुन्ना यादव कर रहा था, जिसे पुलिस ने वाशी के जूहूगांव से गिरफ्तार किया।

जांच को आगे बढ़ाते हुए पुलिस ने नेरुल के सेक्टर 20 में एक किराए के फ्लैट पर छापा मारा, जहां से चार अन्य महिलाओं को मुक्त कराया गया। इन महिलाओं को शंभु मुनीलाल उपाध्याय और बॉबी उर्फ मकबूल अंसारी द्वारा नियंत्रित किया जा रहा था। ऑटोरिक्शा ड्राइवर मुकेश राय, जो महिलाओं को होटलों तक पहुंचाता था, और पिंप दिनेश डांगी को भी गिरफ्तार किया गया।

पुलिस ने तीन अन्य संदिग्धों—शंभु उपाध्याय, बॉबी उर्फ मकबूल अंसारी, और धीरू—की तलाश शुरू कर दी है। गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ तुर्भे पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 370 (मानव तस्करी) और अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम (PITA) के तहत मामला दर्ज किया गया है। तीनों आरोपियों को 14 जुलाई 2025 तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।

महिलाओं को सरकारी पुनर्वास केंद्र में भेजा है

पुलिस ने पांचों मुक्त कराई गई महिलाओं को सरकारी पुनर्वास केंद्र में भेजा है, जहां उन्हें काउंसलिंग और सहायता प्रदान की जा रही है। कुछ पीड़ित नाबालिग हैं, और उनकी उम्र की पुष्टि के लिए मेडिकल जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि ये महिलाएं पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, और नेपाल से लाई गई थीं, जिन्हें नौकरी का झांसा देकर तस्करी के जाल में फंसाया गया था।

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