नई दिल्ली: पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। सैन्य झड़प की आशंका के बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 7 मई 2025 को देश के 244 चिह्नित जिलों में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित करने का निर्देश दिया है। यह 1971 के बाद पहली बार इतने बड़े पैमाने पर होने वाली मॉक ड्रिल है, जिसका उद्देश्य युद्ध या आपात स्थिति में नागरिकों को तैयार करना है।
मॉक ड्रिल के प्रमुख शहर और जिले
मॉक ड्रिल भारत-पाकिस्तान सीमा से सटे जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान, गुजरात के जिलों के साथ-साथ अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में होगी। प्रमुख शहरों और जिलों में शामिल हैं:
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जम्मू-कश्मीर: श्रीनगर, जम्मू, पुंछ, राजौरी
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पंजाब: अमृतसर, गुरदासपुर, पठानकोट, फिरोजपुर, तरनतारन
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राजस्थान: बाड़मेर, बीकानेर, जैसलमेर, श्रीगंगानगर
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गुजरात: कच्छ, बनासकांठा, पाटन
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उत्तर प्रदेश: लखनऊ, बुलंदशहर (नरोरा), आगरा, कानपुर, वाराणसी
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दिल्ली: दिल्ली कैंट
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महाराष्ट्र: मुंबई, नागपुर
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पश्चिम बंगाल: कोलकाता
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तमिलनाडु: चेन्नई
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कर्नाटक: बेंगलुरु
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आंध्र प्रदेश: विशाखापत्तनम
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मध्य प्रदेश: भोपाल
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झारखंड: बोकारो, साहिबगंज, गोड्डा
हालांकि, सरकार ने सभी 244 जिलों की पूरी सूची सार्वजनिक नहीं की है, लेकिन ये जिले सामरिक और रणनीतिक रूप से संवेदनशील हैं।
मॉक ड्रिल की गतिविधियां
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हवाई हमले के सायरन: 120-140 डेसिबल के सायरन प्रशासनिक कार्यालयों, पुलिस स्टेशनों और सैन्य ठिकानों पर बजाए जाएंगे।
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क्रैश ब्लैकआउट: शहरों में रोशनी बंद कर दुश्मन की निगरानी से बचने का अभ्यास।
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निकासी योजना: नागरिकों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की रणनीति का प्रशिक्षण।
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सिविल डिफेंस ट्रेनिंग: छात्रों और नागरिकों को बंकरों में छिपने, प्राथमिक चिकित्सा और आपातकालीन प्रोटोकॉल की जानकारी।
रणनीतिक महत्व
गृह मंत्रालय की 6 मई को गृह सचिव गोविंद मोहन की अध्यक्षता में हुई बैठक में ड्रिल की तैयारियों का जायजा लिया गया। यह अभ्यास सिविल डिफेंस एक्ट, 1968 के तहत होगा, जिसमें एनसीसी, एनएसएस, होम गार्ड और स्कूल-कॉलेजों के छात्र शामिल होंगे।