मुंबई : महाराष्ट्र में हिंदी और मराठी भाषा को लेकर सियासी संग्राम तेज हो गया है। महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के कार्यकर्ताओं द्वारा मीरा रोड पर एक दुकानदार की पिटाई का मामला सामने आने के बाद यह विवाद और गहरा गया है। इस घटना पर महाराष्ट्र के बंदरगाह विकास मंत्री नितेश राणे ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “ये गोल टोपी दाढ़ी वाले मराठी बोलते हैं क्या? जावेद अख्तर और आमिर खान क्या मराठी बोलते हैं? ये सिर्फ गरीब हिंदुओं पर दादागिरी क्यों दिखाते हैं? अगर कोई हिंदुओं पर हाथ उठाएगा, तो हमारी सरकार सख्त कार्रवाई करेगी।”
घटना का विवरण
पुलिस के अनुसार, शनिवार (28 जून 2025) की रात करीब 10:30 बजे, MNS के कार्यकर्ताओं ने मीरा रोड के बालाजी होटल के पास जोधपुर स्वीट्स के मालिक बबूलाल खिमजी चौधरी (48) के साथ मारपीट की। वायरल वीडियो में MNS कार्यकर्ता, जो पार्टी के प्रतीक चिन्हों वाले कपड़े पहने थे, दुकानदार से मराठी में बात करने की मांग करते दिखे। जब चौधरी ने हिंदी में जवाब दिया और कहा कि “महाराष्ट्र में सभी भाषाएं बोली जाती हैं,” तो कार्यकर्ताओं ने उन पर हमला कर दिया और कई बार थप्पड़ मारे।
चौधरी ने पुलिस को बताया कि उनके कर्मचारी अन्य राज्यों से हैं और मराठी में धाराप्रवाह नहीं बोल पाते। MNS कार्यकर्ताओं ने यह कहकर आपत्ति जताई कि महाराष्ट्र में मराठी बोलना अनिवार्य है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद व्यापक आक्रोश फैल गया।
नितेश राणे की प्रतिक्रिया
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नितेश राणे ने इस घटना की निंदा करते हुए MNS कार्यकर्ताओं को चुनौती दी कि वे मुस्लिम बहुल इलाकों जैसे नल बाजार और मोहम्मद अली रोड में जाकर मराठी बोलने की मांग करें। उन्होंने कहा, “जावेद अख्तर क्या मराठी में बोलते हैं? आमिर खान क्या मराठी में गाते हैं? इन लोगों को कोई क्यों नहीं टोकता? सिर्फ गरीब हिंदुओं को निशाना बनाया जाता है। यह हिंदुत्ववादी सरकार ऐसी गुंडागर्दी बर्दाश्त नहीं करेगी।” राणे ने यह भी कहा कि सरकार इस मामले में अपनी “तीसरी आंख” खोलेगी और सख्त कार्रवाई करेगी।
MNS का रुख
MNS के मीरा-भायंदर जिला अध्यक्ष संतोष राणे ने कार्यकर्ताओं का बचाव करते हुए दावा किया कि दुकानदार ने “अहंकारी” रवैया दिखाया, जिसके कारण विवाद बढ़ा। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र में मराठी भाषा का सम्मान होना चाहिए। अगर कोई मराठी का अपमान करता है, तो MNS ऐसा ही जवाब देगी।” MNS ने इस घटना के लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया है।
यह घटना उस समय हुई जब MNS कार्यकर्ता महाराष्ट्र सरकार द्वारा तीन-भाषा नीति (मराठी, हिंदी, अंग्रेजी) को वापस लेने का जश्न मना रहे थे। इस नीति का MNS और शिवसेना (UBT) ने विरोध किया था, इसे “हिंदी थोपने” की कोशिश करार दिया था।
पुलिस की कार्रवाई
काशीमीरा पुलिस ने वीडियो वायरल होने के 72 घंटे बाद सात MNS कार्यकर्ताओं के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया, जिसमें अशांति फैलाने और मारपीट के आरोप शामिल हैं। गुरुवार को चार आरोपियों से पूछताछ की गई, लेकिन उनकी गिरफ्तारी नहीं हुई, क्योंकि पुलिस का कहना है कि अभी हिरासत के लिए कानूनी आधार नहीं है। शेष तीन आरोपियों की तलाश जारी है।
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