Maharajganj News: बिरैची में अवैध मजार और झाड़-फूंक के जरिए धर्मांतरण का आरोप, महंथ बालक दास ने उठाई कार्रवाई की मांग।

घुघली, महराजगंज: उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले के घुघली थाना क्षेत्र की ग्राम सभा बिरैची में एक अवैध मजार निर्माण और झाड़-फूंक के जरिए धर्मांतरण की साजिश के गंभीर आरोप सामने आए हैं। स्थानीय महंथ बालक दास ने सोशल मीडिया के जरिए इन आरोपों को उठाते हुए प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। इस मामले ने क्षेत्र में सामाजिक तनाव की आशंका बढ़ा दी है, और सोशल मीडिया पर यह मुद्दा तेजी से वायरल हो रहा है।

महंथ बालक दास के आरोप

महंथ बालक दास ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया है कि गांव के रियाजुद्दीन पुत्र मुस्तफा ने अपने निजी मकान में एक अवैध मजार का निर्माण किया है। उनके अनुसार, इस मजार पर झाड़-फूंक और ताबीज के बहाने हिंदू श्रद्धालुओं को निशाना बनाया जा रहा है। रियाजुद्दीन पर हिंदुओं को नमाज पढ़ने के लिए प्रेरित करने, धन उगाही करने, और ताजिया बनाकर मेला आयोजित करने की योजना बनाने का आरोप है। महंथ ने इसे धर्मांतरण की साजिश करार देते हुए कहा कि यह गतिविधियां स्थानीय परंपराओं और सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचा रही हैं। उन्होंने प्रशासन से मजार को ध्वस्त करने और ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग की है।

पुलिस की प्रारंभिक जांच

पुलिस की जांच के अनुसार, रियाजुद्दीन ने करीब आठ साल पहले अपने पुश्तैनी घर की चहारदीवारी में एक मजार बनाया था, जहां धार्मिक अनुष्ठान किए जाते थे। पांच साल पहले इस मजार को उनके नए घर की चहारदीवारी में स्थानांतरित कर दिया गया। पुलिस ने स्पष्ट किया कि यह मजार किसी सार्वजनिक भूमि पर नहीं, बल्कि रियाजुद्दीन के निजी मकान के अंदर है। हालांकि, धर्मांतरण और धन उगाही के आरोपों की जांच के लिए पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है। अभी तक कोई ठोस कार्रवाई की जानकारी सामने नहीं आई है।

प्रशासन का रुख

महराजगंज प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और जांच के आदेश दिए हैं। स्थानीय पुलिस ने ग्रामीणों से अफवाहों पर ध्यान न देने और शांति बनाए रखने की अपील की है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मजार निजी संपत्ति पर बना है, लेकिन धर्मांतरण और अन्य गैरकानूनी गतिविधियों के आरोपों की गहन जांच की जा रही है। प्रशासन ने यह भी आश्वासन दिया है कि किसी भी गतिविधि को सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की इजाजत नहीं दी जाएगी।

सामाजिक तनाव की आशंका

महंथ बालक दास ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने इस मामले में जल्द कार्रवाई नहीं की, तो यह सामाजिक तनाव का कारण बन सकता है। उन्होंने इसे सांप्रदायिक साजिश करार देते हुए स्थानीय हिंदू परंपराओं पर हमला बताया है। दूसरी ओर, कुछ ग्रामीणों ने इस मुद्दे को संवेदनशील बताते हुए शांति और संयम बनाए रखने की अपील की है। सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर लोगों की अलग-अलग प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोग महंथ के आरोपों का समर्थन कर रहे हैं, तो कुछ इसे सामाजिक सौहार्द के लिए खतरा मान रहे हैं।

क्षेत्र में अवैध निर्माण पर कार्रवाई का इतिहास

महराजगंज जिले में अवैध धार्मिक निर्माण के खिलाफ प्रशासन पहले भी सख्त कार्रवाई कर चुका है। मई 2025 में भारत-नेपाल सीमा से सटे मैनहवा गांव में मुस्लिम समुदाय ने प्रशासन के नोटिस के बाद सरकारी जमीन पर बनी एक मस्जिद को स्वयं हटा लिया था। इसके अलावा, नौतनवा तहसील के परसामलिक गांव में एक गैर-मान्यता प्राप्त मदरसे को सील कर दिया गया था, और जिले में कुल 29 मदरसे और 5 मزارों को अवैध निर्माण के तहत ध्वस्त किया गया था।

सामाजिक और धार्मिक संवेदनशीलता

यह मामला विशेष रूप से संवेदनशील है, क्योंकि यह धर्मांतरण जैसे गंभीर आरोपों से जुड़ा है। उत्तर प्रदेश में हाल के वर्षों में धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कानून लागू किए गए हैं, और ऐसे मामलों में प्रशासन की कार्रवाई पर कड़ी नजर रखी जाती है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह के विवाद सामाजिक तनाव को बढ़ा सकते हैं, खासकर तब जब सोशल मीडिया के जरिए मामले को तूल दिया जाए।

आगे की राह

प्रशासन ने इस मामले में निष्पक्ष जांच का भरोसा दिलाया है। पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने और अफवाहों से बचने की अपील की है। साथ ही, यह भी कहा गया है कि अगर धर्मांतरण या अवैध गतिविधियों के सबूत मिले, तो दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस बीच, महंथ बालक दास और उनके समर्थकों ने प्रशासन पर दबाव बनाए रखने का संकल्प जताया है।

महराजगंज का यह मामला न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में धार्मिक और सामाजिक संवेदनशीलता को लेकर चर्चा का विषय बन गया है। समाज के सभी वर्गों से अपील की जा रही है कि वे संयम बरतें और प्रशासन को निष्पक्ष जांच करने का मौका दें।

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