लखनऊ: LDA ने मुख्तार अंसारी की कब्जाई जमीन पर बनाए 72 EWS फ्लैट्स, अगस्त से शुरू होगी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया

लखनऊ : लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने माफिया मुख्तार अंसारी और उनके परिवार द्वारा अवैध रूप से कब्जाई गई डालीबाग की 2327.54 वर्ग मीटर निष्क्रांत संपत्ति पर 72 फ्लैट्स का निर्माण कार्य पूरा कर लिया है। ये फ्लैट्स आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) के लिए बनाए गए हैं, ताकि कम आय वाले लोगों को किफायती आवास उपलब्ध कराया जा सके। LDA ने घोषणा की है कि इन फ्लैट्स के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया अगस्त 2025 से शुरू होगी।

निर्माण कार्य में तेजी

LDA ने इस प्रोजेक्ट को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए हैं। प्राधिकरण ने बचे हुए निर्माण कार्य को तेजी से पूरा करने के लिए संसाधनों का पूरा उपयोग किया। इन फ्लैट्स को डालीबाग में एक ऐसी जमीन पर बनाया गया है, जो पहले मुख्तार अंसारी और उनके परिवार के अवैध कब्जे में थी। इस जमीन को प्रशासन ने 2023 में मुक्त कराया था, जिसके बाद LDA को इसके विकास का जिम्मा सौंपा गया।

प्रत्येक फ्लैट को EWS वर्ग की जरूरतों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है, जिसमें बुनियादी सुविधाएं जैसे पानी, बिजली, और सड़क कनेक्टिविटी शामिल हैं। LDA के उपाध्यक्ष इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया, “हमारा लक्ष्य है कि इन फ्लैट्स को जल्द से जल्द पात्र लोगों को सौंपा जाए। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष रखने के लिए ऑनलाइन पोर्टल शुरू किया जाएगा।”

रजिस्ट्रेशन और आवंटन प्रक्रिया

LDA ने इन फ्लैट्स के लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को अगस्त 2025 से शुरू करने की योजना बनाई है। आवेदन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में स्वीकार किए जाएंगे। EWS कोटे के तहत पात्रता के लिए आय सीमा और अन्य मानदंडों को जल्द ही LDA की वेबसाइट पर जारी किया जाएगा। प्राधिकरण ने यह भी सुनिश्चित किया है कि आवंटन प्रक्रिया में किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो और केवल योग्य आवेदकों को ही फ्लैट्स मिलें।

माफिया की जमीन पर जनकल्याण

यह प्रोजेक्ट उत्तर प्रदेश सरकार की उस नीति का हिस्सा है, जिसके तहत माफिया और अपराधियों द्वारा कब्जाई गई जमीनों को मुक्त कराकर जनहित में उपयोग किया जा रहा है। मुख्तार अंसारी, जो गैंगस्टर से राजनेता बने, पर कई आपराधिक मामले दर्ज थे। उनकी मृत्यु के बाद उनकी अवैध संपत्तियों को जब्त करने की प्रक्रिया तेज हुई। डालीबाग की यह जमीन उन 186 संपत्तियों में से एक है, जिन्हें यूपी पुलिस और प्रशासन ने 2021 से 2024 के बीच जब्त किया। इन संपत्तियों का कुल मूल्य 900 करोड़ रुपये से अधिक बताया गया है।

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