नई दिल्ली: कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़, जिनका नाम देश-दुनिया में आतंक का पर्याय बन चुका है, अब अलग हो चुके हैं। दोनों के बीच सालों पुराना रिश्ता टूटने की वजह लॉरेंस के भाई अनमोल बिश्नोई की अमेरिका में गिरफ्तारी और उससे जुड़ा विवाद बताया जा रहा है। इस टूट ने सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है, क्योंकि नए गैंग्स के बनने से गैंगवार और आपराधिक गतिविधियों में उछाल की आशंका है। आइए जानते हैं, क्या है पूरा मामला।
विवाद की जड़: अनमोल बिश्नोई की गिरफ्तारी
लॉरेंस बिश्नोई, जो वर्तमान में गुजरात की साबरमती जेल में बंद है, अपने छोटे भाई अनमोल बिश्नोई की गिरफ्तारी से गोल्डी बराड़ और सचिन गोडारा से खफा हो गया। नवंबर 2024 में 25 वर्षीय अनमोल को अमेरिकी इमिग्रेशन अधिकारियों ने फर्जी ट्रैवल डॉक्यूमेंट्स के आरोप में कैलिफोर्निया में गिरफ्तार किया था। अनमोल का नाम पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की मई 2022 में हत्या और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की अक्टूबर 2024 में हत्या में मास्टरमाइंड के तौर पर सामने आया है।
इंटेलिजेंस सूत्रों के मुताबिक, अनमोल की जमानत के लिए जरूरी बेल बॉन्ड भरने में गोल्डी और सचिन गोडारा ने कोई मदद नहीं की। हालांकि बाद में अनमोल को रिहा कर दिया गया, लेकिन उसके पैर में इलेक्ट्रॉनिक ट्रैकिंग डिवाइस (एंकल ब्रेसलेट) लगा दिया गया। इस बात से लॉरेंस नाराज हो गया और उसने गोल्डी के साथ रिश्ता खत्म करने का फैसला लिया।
नए गैंग्स, नई साझेदारियां
लॉरेंस और गोल्डी के अलग होने के बाद दोनों ने नए सहयोगियों के साथ काम शुरू कर दिया है:
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गोल्डी बराड़: अब अजरबैजान बेस्ड गैंगस्टर रोहित गोडारा के साथ मिलकर काम कर रहा है। हाल ही में दोनों ने कनाडा के मिसीसागा में बिजनेसमैन हरजीत सिंह की हत्या की जिम्मेदारी ली, लेकिन इस बार उनकी सोशल मीडिया पोस्ट में लॉरेंस या उसके साथियों का जिक्र नहीं था, जो पहले आम था।
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लॉरेंस बिश्नोई: कनाडा में बैठे नोनी राणा (असली नाम सूर्य प्रताप) के साथ गठजोड़ कर रहा है। नोनी, हरियाणा के गैंगस्टर काला राणा (वीरेंद्र प्रताप) का छोटा भाई है और अमेरिका से लॉरेंस के लिए वसूली और गैंग ऑपरेशंस को अंजाम देता है।
सुरक्षा एजेंसियों की चिंता
इस टूट का मुद्दा हाल ही में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की एक हाई-लेवल मीटिंग में उठा, जिसमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, और दिल्ली के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल थे। एजेंसियों को डर है कि यह गुटबाजी गैंगवार को बढ़ावा दे सकती है या गैंग मेंबरों की अदला-बदली हो सकती है। पुलिस को आशंका है कि दोनों गैंग्स अब अपने-अपने नेटवर्क को मजबूत करने के लिए नए शूटर्स भर्ती करेंगे, जिससे अपराध बढ़ सकता है।
लॉरेंस-गोल्डी का पुराना नेटवर्क
लॉरेंस बिश्नोई ने अपने क्राइम करियर की शुरुआत में गोल्डी बराड़, काला राणा, और अन्य गैंगस्टरों के साथ मिलकर एक मजबूत नेटवर्क बनाया था। बाद में उसने इसे बिजनेस मॉडल में तब्दील कर लिया, जिसमें विभिन्न राज्यों के गैंगस्टरों से साझेदारी की:
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उत्तर प्रदेश: धनंजय सिंह
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पंजाब: जग्गू भगवानपुरिया
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हरियाणा: काला जठेड़ी
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राजस्थान: रोहित गोडारा
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दिल्ली: हाशिम बाबा, रोहित मोई
इस नेटवर्क ने सिद्धू मूसेवाला और बाबा सिद्दीकी की हत्या, सलमान खान के घर पर फायरिंग, और कई रंगदारी के मामलों को अंजाम दिया।
गोल्डी बराड़ की सक्रियता
गोल्डी बराड़, जो कनाडा में रहकर गैंग ऑपरेट करता है, हाल के महीनों में कई हाई-प्रोफाइल वारदातों में शामिल रहा है। उसने चंडीगढ़ में रैपर बादशाह के नाइट क्लब में ब्लास्ट की जिम्मेदारी ली थी। इसके अलावा, उसका नाम सलमान खान को धमकी देने और पंजाब में रंगदारी के मामलों में भी आया है।
कनाडा के आरोप और भारत का जवाब
कनाडा सरकार ने हाल ही में दावा किया था कि भारत के कुछ एजेंट लॉरेंस बिश्नोई गैंग के साथ मिलकर कनाडा में आतंकी गतिविधियां चला रहे हैं। भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इसे बेबुनियाद बताया। कनाडा ने गोल्डी बराड़ का नाम अपनी वॉन्टेड लिस्ट से अचानक हटा लिया, जिससे सवाल उठे हैं।
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