जम्मू-कश्मीर: पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने देश को हिलाकर रख दिया। बैसरन घाटी में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) से जुड़े द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) के तीन आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला किया, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई। यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद घाटी का सबसे घातक हमला है। प्रारंभिक जांच में पता चला कि आतंकियों ने हेलमेट-माउंटेड कैमरों से हमले को रिकॉर्ड किया और हताहतों की संख्या बढ़ाने के लिए बैसरन जैसे दुर्गम क्षेत्र को चुना, जहां केवल पैदल या टट्टू से पहुंचा जा सकता है।
योजनाबद्ध हमला, स्नाइपर रणनीति का इस्तेमाल
जांच के अनुसार, आतंकियों ने पर्यटकों को पुरुष और महिला समूहों में बांटा, उनकी धार्मिक पहचान (मुख्य रूप से हिंदू) की पुष्टि की, और फिर गोलीबारी शुरू की। कुछ को स्नाइपर जैसी रणनीति से दूर से मारा गया, जबकि कई खून की कमी से मरे। बैसरन की भौगोलिक स्थिति ने बचाव कार्यों में देरी की, जिससे हताहतों की संख्या बढ़ी। मृतकों में यूपी, गुजरात, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, ओडिशा, यूएई और नेपाल के पर्यटक शामिल हैं।
पीएम मोदी का कड़ा रुख, सऊदी यात्रा रद्द
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब यात्रा बीच में छोड़कर दिल्ली लौटते ही राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, विदेश मंत्री एस जयशंकर और अन्य अधिकारियों के साथ आपात बैठक की। उन्होंने कहा, “इस जघन्य कृत्य के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।” गृह मंत्री अमित शाह श्रीनगर में स्थिति का जायजा ले रहे हैं। बुधवार को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक होगी।
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तलाशी अभियान और हाई अलर्ट
भारतीय सेना की चिनार कोर, जम्मू-कश्मीर पुलिस, सीआरपीएफ और बीएसएफ ने बैसरन घाटी में ड्रोन, खोजी कुत्तों और हेलिकॉप्टरों के साथ तलाशी अभियान शुरू किया है। 15 मुख्य बिंदुओं पर घेराबंदी की गई है। जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, मुंबई, यूपी और जयपुर में हाई अलर्ट जारी है। एनआईए की टीम जांच के लिए पहलगाम पहुंच चुकी है।
वैश्विक निंदा, बंद का ऐलान
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, राहुल गांधी, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती और वैश्विक नेताओं ने हमले की निंदा की। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत के प्रति समर्थन जताया। जम्मू और कश्मीर में बुधवार को बंद का ऐलान किया गया है।