श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले ने कश्मीर के पर्यटन उद्योग को गहरा झटका दिया है। लश्कर-ए-तैयबा (LeT) की शाखा द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) द्वारा किए गए इस हमले में 26 पर्यटकों की हत्या ने न केवल देश को स्तब्ध किया, बल्कि ₹12,000 करोड़ के पर्यटन उद्योग और 2.5 लाख लोगों की आजीविका पर संकट ला दिया है।
पर्यटन पर गहरा असर
कश्मीर की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का 7-8% योगदान है। 2024 में 2.36 करोड़ पर्यटक, जिनमें 65,000 विदेशी शामिल थे, कश्मीर आए। पहलगाम, गुलमर्ग, और सोनमर्ग जैसे स्थल हर साल लाखों सैलानियों को आकर्षित करते हैं। लेकिन हमले के बाद होटल, फ्लाइट, और टैक्सी बुकिंग्स में बड़े पैमाने पर रद्दीकरण शुरू हो गए हैं। डल झील की 1,500 हाउसबोट्स और 3,000 से अधिक होटल कमरे खाली पड़े हैं। ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रऊफ त्रंबू ने कहा, “यह हमला पर्यटन के लिए भारी झटका है। बुकिंग्स रद्द होने से उद्योग ठप हो सकता है।”
आर्थिक नुकसान और आजीविका पर खतरा
कश्मीर में टैक्सी चालक, गाइड, हाउसबोट मालिक, और हस्तशिल्पी सहित 2.5 लाख लोग पर्यटन पर निर्भर हैं। स्थानीय टैक्सी चालक गुलजार अहमद ने कहा, “यह हमला हमारी रोजी-रोटी पर हमला है। पर्यटकों का विश्वास टूट गया है।” 2030 तक पर्यटन उद्योग को ₹25,000-30,000 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद थी, जो अब अनिश्चित है।
केंद्र की योजनाएं प्रभावित
केंद्र सरकार ने कश्मीर के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ₹1,000 करोड़ की योजना, वंदे भारत ट्रेन, बेहतर हवाई संपर्क, और विदेशियों के लिए वीजा-ऑन-अराइवल जैसी सुविधाएं शुरू की थीं। 75 नए पर्यटन स्थल, धार्मिक और हेरिटेज साइट्स का विकास भी चल रहा था। लेकिन हमले ने इन योजनाओं पर अनिश्चितता की छाया डाल दी है।
पर्यटकों का पलायन और विरोध
हमले के बाद हजारों पर्यटक कश्मीर छोड़ रहे हैं। नागरिक उड्डयन मंत्री राममोहन नायडू ने श्रीनगर से अतिरिक्त उड़ानें शुरू कीं। बुधवार को श्रीनगर हवाई अड्डे से 3,337 यात्रियों के साथ 20 उड़ानें रवाना हुईं। कश्मीर में बंद और विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें टैक्सी यूनियन और स्थानीय लोग शामिल हुए। पूर्व मुख्यमंत्री मेहबूबा मुफ्ती ने कहा, “यह हमला कश्मीर की आतिथ्य परंपरा को दागदार करता है।”
सरकारी कार्रवाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने CCS बैठक के बाद पाकिस्तान के खिलाफ सख्त कदम उठाए, जिसमें सिंधु जल संधि निलंबन और अटारी चेक पोस्ट बंद करना शामिल है। गृह मंत्री अमित शाह ने श्रीनगर में पीड़ितों को श्रद्धांजलि दी। NIA जांच कर रही है, और ₹20 लाख का इनाम आतंकियों की जानकारी के लिए घोषित किया गया है।