गुलबर्गा: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने ऐतिहासिक लाडले मशक दरगाह में स्थित शिवलिंग की पूजा करने की अनुमति दे दी है। यह फैसला उस घटना के बाद आया है, जब कुछ कट्टरपंथी मुस्लिमों ने शिवलिंग पर पेशाब और मल फेंक कर उसे अपवित्र कर दिया था।
न्यायालय ने अपने आदेश में कहा कि हिंदू समुदाय के लोग दरगाह परिसर में स्थित शिवलिंग की पूजा कर सकते हैं। यह आदेश सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने और सभी धर्मों के प्रति सम्मान सुनिश्चित करने के उद्देश्य से दिया गया है।
कट्टरपंथियों की करतूत
कुछ समय पहले, कट्टरपंथी मुस्लिमों के एक समूह ने दरगाह में घुसकर शिवलिंग को अपवित्र कर दिया था। इस घटना से हिंदू समुदाय में आक्रोश फैल गया था। उन्होंने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी।
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न्यायालय का फैसला
उच्च न्यायालय ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए शिवलिंग की पूजा करने की अनुमति दी है। न्यायालय ने यह भी कहा कि सभी धर्मों के लोगों को एक-दूसरे के धार्मिक स्थलों का सम्मान करना चाहिए।
स्थानीय लोगों में खुशी
उच्च न्यायालय के इस फैसले से स्थानीय हिंदू समुदाय में खुशी की लहर दौड़ गई है। उन्होंने न्यायालय के फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि यह फैसला न्याय और धर्मनिरपेक्षता की जीत है।