भारत-नेपाल सीमा पर तस्करी रोकने के लिए बढ़नी में संयुक्त गोष्ठी, सुरक्षा एजेंसियों ने बनाई रणनीति

सिद्धार्थनगर : भारत-नेपाल सीमा पर बढ़ती अवैध तस्करी और सीमावर्ती सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए सिद्धार्थनगर के बढ़नी पुलिस चौकी परिसर में एक महत्वपूर्ण संयुक्त गोष्ठी आयोजित की गई। इस गोष्ठी में विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों ने हिस्सा लेकर तस्करी और अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए ठोस रणनीति तैयार की।

गोष्ठी का आयोजन

गोष्ठी की अध्यक्षता क्षेत्राधिकारी शोहरतगढ़ सुजीत राय ने की, जो पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक महाजन के निर्देशन और अपर पुलिस अधीक्षक प्रशांत कुमार प्रसाद के पर्यवेक्षण में संपन्न हुई। बैठक में प्रभारी निरीक्षक ढेबरुआ गौरव सिंह, सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) बढ़नी, कस्टम विभाग, लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (एलआईयू), और इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

प्रमुख मुद्दों पर चर्चा

बैठक में गौ तस्करी, मादक पदार्थों (ड्रग्स), शराब, और खाद्यान्न की तस्करी के साथ-साथ अन्य देशों के अनाधिकृत व्यक्तियों के अवैध प्रवेश जैसे गंभीर मुद्दों पर गहन चर्चा हुई। हाल के महीनों में सिद्धार्थनगर और आसपास के सीमावर्ती जिलों में तस्करी की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है, जिसमें मादक पदार्थों और खाद्यान्न की बड़ी खेप पकड़ी गई हैं।

संयुक्त रणनीति और इंटेलिजेंस नेटवर्क

सभी एजेंसियों ने अपने अनुभव और सूचनाएं साझा कीं, जिससे इंटेलिजेंस नेटवर्क को और सशक्त करने पर जोर दिया गया। क्षेत्राधिकारी सुजीत राय ने बताया कि तस्करी रोकने के लिए संयुक्त गश्त को और प्रभावी बनाया जाएगा। साथ ही, समयबद्ध कार्रवाई और सूचनाओं के त्वरित आदान-प्रदान के लिए नई रणनीतियां लागू की जाएंगी। पुलिस और एसएसबी की संयुक्त कार्रवाइयों ने पहले भी तस्करी के कई मामलों को उजागर किया है, जिसमें हाल ही में गेहूं और मादक पदार्थों की बरामदगी शामिल है।

सख्त निगरानी का निर्देश

क्षेत्राधिकारी शोहरतगढ़ सुजीत राय ने स्पष्ट किया कि भारत-नेपाल सीमा पर किसी भी प्रकार की गैरकानूनी गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, “सीमा पर सख्त निगरानी रखी जाएगी और दोषियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।” बैठक में स्थानीय समुदाय से भी सहयोग मांगा गया, ताकि संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत सूचना मिल सके।

सामुदायिक सहयोग और जागरूकता

पुलिस अधीक्षक डॉ. अभिषेक महाजन ने कहा, “सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। स्थानीय लोगों का सहयोग और जागरूकता इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।” गोष्ठी में ग्राम सुरक्षा समितियों और स्थानीय नागरिकों से अपील की गई कि वे किसी भी असामान्य गतिविधि की जानकारी तुरंत प्रशासन तक पहुंचाएं।

सीमा सुरक्षा की चुनौतियां

भारत-नेपाल की खुली सीमा तस्करों के लिए एक बड़ा रास्ता रही है, जिसके चलते गौ तस्करी, मादक पदार्थों, और मानव तस्करी जैसी घटनाएं बढ़ी हैं। सिद्धार्थनगर में 599.3 किमी लंबी सीमा पर निगरानी की चुनौती को देखते हुए, इस गोष्ठी में संयुक्त गश्त और तकनीकी निगरानी को बढ़ाने पर जोर दिया गया।

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