उदयपुर: राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने मुगल सम्राट अकबर और जोधा बाई की शादी को ‘झूठी कहानी’ करार देते हुए विवाद खड़ा कर दिया। उन्होंने दावा किया कि अकबर की शादी आमेर के राजा भारमल की बेटी से नहीं, बल्कि एक दासी की बेटी से हुई थी। उदयपुर में महाराणा प्रताप जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में बागड़े ने ब्रिटिश इतिहासकारों पर भारतीय इतिहास को तोड़-मरोड़ने का आरोप लगाया।
बागड़े का बयान
29 मई को उदयपुर के प्रताप गौरव केंद्र में बागड़े ने कहा, “जोधा और अकबर की शादी की बात इतिहास की किताबों और फिल्मों में है, लेकिन यह झूठ है। अकबरनामा में इसका कोई जिक्र नहीं।” उन्होंने दावा किया कि आमेर के राजा भारमल ने अपनी दासी की बेटी की शादी अकबर से कराई थी।
ऐतिहासिक विवाद
ऐतिहासिक दस्तावेजों में अकबर का 1562 में आमेर के राजा भारमल की बेटी हरका बाई (मरियम-उज-जमानी) से विवाह दर्ज है, जो जहांगीर की मां थी। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि ‘जोधा बाई’ नाम 18वीं सदी में लोककथाओं से उभरा और जोधपुर की राजकुमारी मानवती बाई (जहांगीर की पत्नी) से भ्रमित हुआ। अकबरनामा में ‘जोधा’ नाम का उल्लेख नहीं है।
ब्रिटिश प्रभाव और इतिहास
बागड़े ने आरोप लगाया कि ब्रिटिश इतिहासकारों ने भारतीय शूरवीरों का इतिहास दबाया और अकबर जैसे विदेशी शासकों को बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया। उन्होंने कहा, “महाराणा प्रताप के आत्मसम्मान की तुलना में अकबर को ज्यादा महत्व दिया गया।” उन्होंने महाराणा प्रताप द्वारा अकबर को संधि पत्र लिखने के दावे को भी खारिज किया।
नई शिक्षा नीति
बागड़े ने नई शिक्षा नीति (NEP) की सराहना करते हुए कहा कि यह भारतीय संस्कृति और इतिहास को संरक्षित कर रही है। उन्होंने महाराणा प्रताप और छत्रपति शिवाजी को राष्ट्रभक्ति के प्रतीक बताया, यह कहते हुए कि यदि दोनों समकालीन होते, तो भारत का इतिहास अलग होता।
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