जयशंकर की शी जिनपिंग से मुलाकात, पीएम मोदी का दिया संदेश, भारत-चीन संबंधों में सुधार की उम्मीद

बीजिंग: भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपनी पहली चीन यात्रा के दौरान मंगलवार को चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की शुभकामनाएं दीं। यह यात्रा 2020 के गलवान घाटी संघर्ष के बाद से उनकी पहली चीन यात्रा है, जो भारत-चीन संबंधों में सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। जयशंकर ने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) विदेश मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेने के लिए 14 जुलाई को बीजिंग पहुंचे थे।

शी जिनपिंग से मुलाकात: शीर्ष नेतृत्व की भूमिका पर जोर

जयशंकर ने शी जिनपिंग को भारत-चीन संबंधों में हालिया प्रगति से अवगत कराया और शीर्ष नेतृत्व की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने X पर पोस्ट किया, “आज सुबह बीजिंग में SCO विदेश मंत्रियों के साथ राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुभकामनाएं दीं। भारत-चीन संबंधों के हालिया विकास से अवगत कराया।” जयशंकर ने कहा कि अक्टूबर 2024 में कजान में पीएम मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में सकारात्मक प्रगति हुई है।

चीनी उपराष्ट्रपति और विदेश मंत्री से वार्ता

जयशंकर ने सोमवार को चीनी उपराष्ट्रपति हान झेंग से मुलाकात की और भारत की ओर से चीन की SCO अध्यक्षता को समर्थन दिया। उन्होंने कहा, “हमारे द्विपक्षीय संबंधों में सुधार हो रहा है। मुझे विश्वास है कि इस यात्रा के दौरान चर्चाएं इस सकारात्मक दिशा को बनाए रखेंगी।” इसके बाद, उन्होंने चीनी विदेश मंत्री वांग यी से भी मुलाकात की, जिसमें उन्होंने पिछले नौ महीनों में संबंधों को सामान्य बनाने की प्रगति पर जोर दिया। जयशंकर ने कहा, “हमें अब LAC पर तनाव कम करने और व्यापार में बाधाओं से बचने पर ध्यान देना चाहिए।”

गलवान के बाद सुधार के संकेत

2020 के गलवान घाटी संघर्ष ने भारत-चीन संबंधों को ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंचा दिया था। हालांकि, अक्टूबर 2024 में कजान में पीएम मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात के बाद दोनों देशों ने डेपसांग और डेमचोक में सैन्य वापसी और गश्ती समझौते जैसे कदम उठाए। कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली भी सकारात्मक संकेत है, जिसे भारत में सराहा गया है। जयशंकर ने हान झेंग से कहा, “निरंतर सामान्यीकरण से दोनों देशों के लिए लाभकारी परिणाम मिल सकते हैं।”

SCO और क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा

जयशंकर की यात्रा SCO विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए है, जो तियानजिन में 15 जुलाई को हो रही है। उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ “शून्य सहनशीलता” की नीति पर जोर दिया और क्षेत्रीय स्थिरता, दलाई लामा के उत्तराधिकार, और दुर्लभ खनिज आपूर्ति जैसे मुद्दों पर चर्चा की। वांग यी अगले महीने भारत में NSA अजित डोभाल से विशेष प्रतिनिधि (SR) तंत्र के तहत मुलाकात कर सकते हैं, जो सीमा विवाद को सुलझाने की दिशा में एक कदम है।

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