नई दिल्ली: ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते युद्ध के बीच भारत सरकार ने ईरान में फंसे अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए बड़े पैमाने पर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया है। विदेश मंत्रालय ने 24×7 कंट्रोल रूम स्थापित किया है और आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। इस ऑपरेशन के तहत पहले चरण में 100 भारतीय नागरिकों को सड़क मार्ग से आर्मेनिया पहुंचाया गया है।
कंट्रोल रूम और हेल्पलाइन नंबर
विदेश मंत्रालय ने ईरान में फंसे भारतीयों और उनके परिवारों की सहायता के लिए नई दिल्ली में 24×7 कंट्रोल रूम बनाया है। नागरिक अपने प्रियजनों की जानकारी हेल्पलाइन नंबरों या ईमेल के जरिए प्राप्त कर सकते हैं। हेल्पलाइन नंबर इस प्रकार हैं:
-
1800118797 (टोल फ्री)
- +91-11-23012113
- +91-11-23014104
- +91-11-23017905
-
+91-9968291988 (व्हाट्सएप)
-
ईमेल: situationroom@mea.gov.in
ईरान में भारतीय दूतावास की हेल्पलाइन
तेहरान में भारतीय दूतावास ने भी 24×7 आपातकालीन हेल्पलाइन शुरू की है, जो भारतीय नागरिकों को स्थानीय स्तर पर सहायता प्रदान कर रही है। संपर्क विवरण निम्नलिखित हैं:
-
केवल कॉल के लिए:
- +98 9128109115
- +98 9128109109
-
व्हाट्सएप के लिए:
- +98 901044557
- +98 9015993320
- +91 8086871709
-
बंदर अब्बास: +98 9177699036
-
ज़ाहेदान: +98 9396356649
-
ईमेल: cons.tehran@mea.gov.in
रेस्क्यू ऑपरेशन की प्रगति
भारत सरकार ने ईरान में फंसे लगभग 10,000 भारतीय नागरिकों, जिनमें 6,000 छात्र शामिल हैं, को निकालने का अभियान तेज कर दिया है। 16 जून 2025 को 600 छात्रों को तेहरान से क़ोम और 110 छात्रों को उर्मिया से आर्मेनिया सीमा के पास स्थानांतरित किया गया। सोमवार रात को पहले बैच में 100 भारतीय नागरिक सड़क मार्ग से आर्मेनिया पहुंचे, जहां से उन्हें विमान के जरिए भारत लाया जाएगा।
ईरान ने विदेशी नागरिकों को देश छोड़ने की अनुमति दे दी है, जिसके बाद भारत ने आर्मेनिया के साथ कूटनीतिक बातचीत की। आर्मेनिया को निकासी के लिए चुना गया क्योंकि यह ईरान का पड़ोसी देश है और वहां से भारत के लिए उड़ानें उपलब्ध हैं।
वर्तमान स्थिति
ईरान और इजरायल के बीच 13 जून 2025 को शुरू हुए सैन्य संघर्ष के बाद हालात तनावपूर्ण हैं। इजरायल ने “ऑपरेशन राइजिंग लायन” के तहत ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमले किए, जिसके जवाब में ईरान ने इजरायल पर मिसाइल हमले किए। इस संघर्ष के कारण ईरान का हवाई क्षेत्र बंद है, जिससे निकासी में चुनौतियां बढ़ रही हैं।
तेहरान, क़ोम, इस्फ़हान और उर्मिया में फंसे भारतीय, खासकर छात्र, डर के माहौल में हैं। जम्मू-कश्मीर छात्र संघ ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है।
सरकार का रुख
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने संयुक्त अरब अमीरात और अन्य क्षेत्रीय नेताओं के साथ बातचीत कर स्थिति पर नजर रखने और निकासी की योजना को मजबूत करने की बात कही है। विदेश मंत्रालय ने सभी भारतीयों से सतर्क रहने, अनावश्यक यात्रा से बचने और स्थानीय सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करने की अपील की है।
ये भी पढ़ें- ईरान के बाद पाकिस्तान को मिटा देगा इजराइल! ऐलान से हड़कंप