नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 पर्यटक मारे गए, के बाद भारत सरकार 2021 के संघर्ष विराम समझौते को समाप्त करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। शीर्ष सरकारी सूत्रों ने CNN- को बताया कि पाकिस्तान की ओर से नियंत्रण रेखा (LoC) और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बार-बार प्रतिबद्धताओं का उल्लंघन और सीमा पार आतंकवाद को रोकने में विफलता के कारण भारत यह कड़ा रुख अपना सकता है।
पाकिस्तान की नाकामी पर सवाल
सूत्रों के अनुसार, फरवरी 2021 के संघर्ष विराम समझौते के बावजूद, लश्कर-ए-तैयबा (LeT), जैश-ए-मोहम्मद (JeM), और द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) जैसे पाकिस्तान आधारित आतंकी समूह जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ और हमले जारी रखे हुए हैं। पहलगाम हमला, जिसकी जिम्मेदारी TRF ने ली, इस्लामाबाद की आतंकी ढांचे को खत्म करने में विफलता को उजागर करता है। सूत्रों ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) आतंकवादियों को प्रशिक्षण, रसद, और सुरक्षित पनाहगाह प्रदान कर रही है।
संघर्ष विराम की नाजुक स्थिति
2021 का संघर्ष विराम समझौता भारत और पाकिस्तान के सैन्य अभियान महानिदेशकों (DGMOs) के बीच हॉटलाइन चर्चा के बाद लागू हुआ था, जिसका उद्देश्य LoC और अन्य क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करना था। हालांकि, 2023 और 2024 में स्नाइपर हमलों, गोलाबारी, और ड्रोन के जरिए हथियारों की तस्करी ने इस समझौते को कमजोर किया। सूत्रों ने कहा कि भारत अपनी सीमाओं और नागरिकों की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकता है और सुरक्षा तंत्र किसी भी जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार है।
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पाकिस्तान पर बढ़ता दबाव
सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तान ने वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ आतंकवाद के वित्तपोषण को रोकने की प्रतिबद्धताओं का भी उल्लंघन किया है। LeT और TRF जैसे समूह नए नामों के तहत खुलेआम सक्रिय हैं। इस कदम से पाकिस्तान वैश्विक मंच पर और अलग-थलग पड़ सकता है। भारत ने पहले ही सिंधु जल संधि निलंबित करने, अटारी चेक पोस्ट बंद करने, और पाकिस्तानी राजनयिकों को वापस भेजने जैसे कदम उठाए हैं।
आगे की रणनीति
शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों का मानना है कि संघर्ष विराम समाप्त करना पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाने के लिए मजबूर कर सकता है। सरकार ने स्पष्ट किया कि पहलगाम हमले के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। NIA जांच तेज कर रही है, और सेना ने LoC पर तलाशी अभियान बढ़ा दिया है। यह कदम भारत-पाक संबंधों में तनाव को और बढ़ा सकता है, लेकिन भारत ने अपनी “आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस” नीति को दोहराया है।