नई दिल्ली/इस्लामाबाद: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 पर्यटकों की हत्या हुई, के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं। भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया, जिससे पाकिस्तान में जल संकट की आशंका गहरा गई है। साथ ही, द्विपक्षीय व्यापार निलंबन से पाकिस्तान की दवा आपूर्ति पर गंभीर असर पड़ सकता है, क्योंकि उसकी फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री 30-40% कच्चे माल के लिए भारत पर निर्भर है।
जल संकट से हलचल
सिंधु जल संधि के निलंबन से पाकिस्तान को सिंधु, झेलम, और चिनाब नदियों से पानी की आपूर्ति प्रभावित होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे पाकिस्तान बूंद-बूंद पानी के लिए तरस सकता है। इस फैसले ने पाकिस्तान में हड़कंप मचा दिया है, और सरकार वैकल्पिक जल स्रोतों की तलाश में जुट गई है।
दवाओं की कमी का डर
पाकिस्तान की ड्रग रेगुलेटरी अथॉरिटी (DRAP) ने व्यापार निलंबन के बाद आपातकालीन योजनाएं शुरू की हैं। पाकिस्तान कैंसर दवाओं, एंटी-रेबीज वैक्सीन, एंटी-स्नेक वेनम, और मोनोक्लोनल एंटीबॉडी जैसे महत्वपूर्ण चिकित्सा उत्पादों के लिए भारत से कच्चा माल और तैयार दवाएं आयात करता है। DRAP अब चीन, रूस, और यूरोपीय देशों से वैकल्पिक स्रोतों की तलाश कर रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “2019 के संकट के बाद हमने ऐसी स्थिति के लिए तैयारी शुरू की थी, लेकिन लंबे समय तक आपूर्ति बाधित होने से जीवन रक्षक दवाओं की कमी हो सकती है।”
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पहलगाम हमले की पृष्ठभूमि
लश्कर-ए-तैयबा की शाखा द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने बैसरन घाटी में हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाया। आतंकियों ने धर्म पूछकर और “कलमा” पढ़ने को कहकर गोलीबारी की, जिसमें 17 लोग घायल हुए। भारत ने जवाब में अटारी चेक पोस्ट बंद कर दी, SAARC वीजा रद्द किए, और पाकिस्तानी राजनयिकों को वापस भेजा। भारत 2021 के संघर्ष विराम को समाप्त करने पर भी विचार कर रहा है।