बिहार चुनाव की तैयारी में जुटा इंडिया ब्लॉक, तेजस्वी यादव होंगे समन्वय समिति के अध्यक्ष

पटना। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया ब्लॉक’ ने चुनावी तैयारी की औपचारिक शुरुआत कर दी है। गुरुवार को पटना में गठबंधन की करीब तीन घंटे लंबी बैठक हुई, जिसमें राष्ट्रीय जनता दल (राजद), कांग्रेस, वामपंथी दल और विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) सहित प्रमुख घटक दलों ने भाग लिया। बैठक में विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव को समन्वय समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।

राजद और कांग्रेस दोनों को मिली ‘जीत’

अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, बैठक का नतीजा आरजेडी और कांग्रेस दोनों के लिए ‘विन-विन’ रहा। राजद तेजस्वी यादव को गठबंधन के नेता के तौर पर आगे लाने में सफल रही, वहीं कांग्रेस ने सीट बंटवारे और नेतृत्व के मुद्दे पर चर्चा को टालकर आगे की रणनीति के लिए वक्त हासिल किया।

तेजस्वी यादव के नेतृत्व में चलेगी चुनावी रणनीति

गठबंधन के नेताओं ने सर्वसम्मति से तेजस्वी यादव की अध्यक्षता में एक समन्वय समिति के गठन पर सहमति जताई, जो साझा न्यूनतम कार्यक्रम, सीटों के बंटवारे और प्रचार रणनीति पर विचार करेगी। राजद चाहता है कि तेजस्वी को गठबंधन का मुख्यमंत्री चेहरा घोषित किया जाए, जबकि कांग्रेस फिलहाल इस मुद्दे पर सतर्क रुख अपनाए हुए है।

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कन्हैया की यात्रा और कांग्रेस की आक्रामकता

बैठक से पहले दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के साथ तेजस्वी यादव की बैठक ने पटना मीटिंग की दिशा तय की। राजद ने कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार की ‘पलायन रोको, नौकरी दो’ यात्रा पर भी चर्चा की, जिस पर पार्टी को कुछ आपत्तियाँ थीं। हालांकि बैठक में इस मुद्दे पर कोई टकराव सामने नहीं आया।

वीआईपी की वापसी से बढ़ी उम्मीदें

गठबंधन की बैठक में वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी की मौजूदगी को विपक्ष के लिए सकारात्मक संकेत माना जा रहा है। 2020 में एनडीए के साथ चुनाव लड़ने वाले सहनी अब निषाद समुदाय के लिए आरक्षण जैसे मुद्दों को लेकर इंडिया ब्लॉक के साथ खड़े दिख रहे हैं।

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तेजस्वी बोले – “नीतीश सरकार से मुक्ति जरूरी”

बैठक के बाद तेजस्वी यादव ने कहा, “हमने बेरोजगारी और पलायन जैसे मुद्दों पर फोकस करने का निर्णय लिया है। नीतीश कुमार ने बार-बार जनादेश का अपमान किया है और 20 वर्षों से बिहार ठहरा हुआ है। अब बदलाव की जरूरत है।”

कुल मिलाकर, इंडिया ब्लॉक ने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस बार बिहार में संगठित रणनीति और साझा नेतृत्व के साथ चुनावी मैदान में उतरने को तैयार है।

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