Economics: नया वित्तीय वर्ष शुरू होने के साथ ही आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की प्रक्रिया नजदीक आ रही है। आकलन वर्ष (AY) 2025-26 के लिए ITR दाखिल करने की विंडो अप्रैल 2025 से खुलने की उम्मीद है। एक सहज और त्रुटि-मुक्त प्रक्रिया के लिए करदाताओं को सभी आवश्यक दस्तावेज पहले से तैयार रखने चाहिए। यहाँ उन प्रमुख दस्तावेजों की सूची दी गई है, जो ITR दाखिल करने के लिए जरूरी हैं।
आवश्यक दस्तावेजों की सूची
- पैन और आधार कार्ड: पैन ITR दाखिल करने के लिए अनिवार्य है और इसे आधार से लिंक करना जरूरी है। आधार का उपयोग ई-सत्यापन के लिए होता है।
- फॉर्म 16: वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए नियोक्ता द्वारा जारी फॉर्म 16 में वेतन और TDS का विवरण होता है। इसे 15 जून तक प्राप्त करना अनिवार्य है।
- फॉर्म 26AS और AIS: फॉर्म 26AS में TDS, अग्रिम कर और उच्च-मूल्य लेनदेन का विवरण होता है, जबकि AIS आय के स्रोतों जैसे वेतन, ब्याज, और लाभांश की जानकारी देता है।
- बैंक खाता विवरण: सभी सक्रिय बैंक खातों की जानकारी और रिफंड के लिए सही IFSC कोड व खाता संख्या जरूरी है।
- ब्याज प्रमाण पत्र: बचत खाता, सावधि जमा, और आवर्ती जमा से प्राप्त ब्याज का विवरण।
- कटौती के प्रमाण: धारा 80C, 80D के तहत जीवन बीमा, ELSS, PPF, ट्यूशन फीस, और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम की रसीदें।
- गृह ऋण और संपत्ति दस्तावेज: गृह ऋण ब्याज प्रमाण पत्र (धारा 24B) और HRA के लिए किराया रसीदें।
- पूंजीगत लाभ विवरण: शेयर, म्यूचुअल फंड, या संपत्ति बिक्री से लाभ/हानि के दस्तावेज।
- विदेशी आय और संपत्ति: NRI या विदेशी संपत्ति वाले व्यक्तियों को विदेशी आय और खातों का खुलासा करना होगा।
- व्यवसाय/फ्रीलांस आय: लाभ-हानि विवरण, बैलेंस शीट, GST रिटर्न, और चालान।
- कर चालान: अग्रिम कर या स्व-मूल्यांकन कर की चालान 280 रसीदें।
- पिछले ITR और नोटिस: पिछले साल के ITR और लंबित नोटिस की प्रतियां।
ITR दाखिल करने का समय
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) आमतौर पर अप्रैल में अपडेटेड ITR फॉर्म जारी करता है। AY 2025-26 के लिए ई-फाइलिंग अप्रैल 2025 से शुरू हो सकती है। हालांकि, वेतनभोगी करदाता फॉर्म 16 मिलने के बाद, यानी जून के मध्य से फाइलिंग शुरू करते हैं। अंतिम तिथि 31 जुलाई 2025 है, और बिलेटेड रिटर्न 31 दिसंबर 2025 तक दाखिल किए जा सकते हैं, लेकिन पेनल्टी के साथ।
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सुझाव
करदाताओं को सलाह दी जाती है कि वे दस्तावेजों को समय से व्यवस्थित करें और सही ITR फॉर्म (ITR-1 से ITR-7) का चयन करें। गलत फॉर्म या बेमेल डेटा से रिटर्न रिजेक्ट हो सकता है। ऑनलाइन पोर्टल जैसे ClearTax या IndiaFilings का उपयोग प्री-फिल्ड डेटा के साथ प्रक्रिया को आसान बना सकता है। समय पर फाइलिंग से पेनल्टी से बचा जा सकता है और रिफंड जल्दी प्राप्त हो सकता है।