पूर्वोत्तर पर बयानबाज़ी को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने जताई नाराज़गी, सीमा सुरक्षा और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर दिया जोर
नई दिल्लीः थाईलैंड में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बांग्लादेश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस के बीच पहली बार मुलाकात हुई। यह बैठक बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के पद से हटने के बाद दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व के बीच पहला संवाद था।
पूर्वोत्तर पर बयानबाज़ी से बचने की सलाह
इस बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्वोत्तर भारत को लेकर हालिया विवादास्पद टिप्पणियों पर अपनी कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने यूनुस को स्पष्ट संदेश देते हुए कहा कि ऐसी बयानबाज़ी से दोनों देशों के संबंधों में खटास आ सकती है और इससे माहौल बिगड़ने की आशंका बनी रहती है।
सीमा सुरक्षा और अवैध घुसपैठ पर चिंता
प्रधानमंत्री मोदी ने सीमा पर अवैध घुसपैठ और कानून व्यवस्था की स्थिति पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि सीमा पर कानून का सख्ती से पालन और अवैध गतिविधियों की रोकथाम दोनों देशों की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है।
अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर जोर
बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने बांग्लादेश में हिंदुओं समेत सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और संरक्षण को लेकर भारत की गंभीर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि भारत, बांग्लादेश के साथ मजबूत, सकारात्मक और रचनात्मक संबंध बनाए रखने का इच्छुक है, लेकिन इसके लिए सभी पक्षों को ज़िम्मेदार रवैया अपनाना होगा।
यह मुलाकात दोनों देशों के बीच भविष्य के संबंधों की दिशा तय करने में अहम मानी जा रही है।