नई दिल्ली: वेदांता ग्रुप की सब्सिडियरी और देश की सबसे बड़ी जिंक उत्पादक कंपनी हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड (HZL) ने मंगलवार, 17 जून 2025 को ₹12,000 करोड़ के भारी-भरकम निवेश योजना की घोषणा की। इस योजना के तहत कंपनी अगले 36 महीनों में अपनी जिंक, लेड और सिल्वर की उत्पादन क्षमता को दोगुना करेगी। इस मेगा प्रोजेक्ट से कंपनी न केवल भारत की बढ़ती मांग को पूरा करेगी, बल्कि वैश्विक बाजार में भी अपनी स्थिति को मजबूत करेगी।
प्रोजेक्ट का विवरण
हिंदुस्तान जिंक ने राजस्थान के देबारी में 250 किलो टन प्रति वर्ष (ktpa) की क्षमता वाला एक नया एकीकृत जिंक मेटल कॉम्प्लेक्स स्थापित करने की योजना बनाई है। इसके साथ ही खदानों और मिल्स की क्षमता में भी विस्तार किया जाएगा। कंपनी का लक्ष्य अपनी कुल धातु उत्पादन क्षमता को मौजूदा 1,129 ktpa से बढ़ाकर 1,379 ktpa करना है, जो 22% की वृद्धि है। यह निवेश आंतरिक संसाधनों और कर्ज के माध्यम से वित्त पोषित होगा।
कंपनी के सीईओ अरुण मिश्रा ने कहा, “हमारा यह 2X ग्रोथ प्रोजेक्ट जिंक, लेड और सिल्वर की उत्पादन क्षमता को दोगुना करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह भारत की आर्थिक प्रगति और बढ़ती जिंक मांग के साथ तालमेल रखता है, जिससे देश आत्मनिर्भर बनेगा।”
36 महीनों में पूरा होगा प्रोजेक्ट
कंपनी ने बताया कि यह विस्तार परियोजना 3 साल में पूरी होगी। इसका उद्देश्य स्टील और बुनियादी ढांचे के क्षेत्र में बढ़ती जिंक की मांग को पूरा करना है। इसके अलावा, सिल्वर की बढ़ती कीमतों को देखते हुए कंपनी ने अपनी सिल्वर उत्पादन क्षमता को 700 टन से बढ़ाकर 1500-2000 टन करने का लक्ष्य रखा है।
मार्केट और शेयर प्रदर्शन
हिंदुस्तान जिंक का शेयर मंगलवार को एक्स-डिविडेंड डेट पर 5% से अधिक गिरकर BSE पर ₹486.40 पर बंद हुआ। कंपनी ने हाल ही में ₹10 प्रति शेयर (500% डिविडेंड, ₹2 फेस वैल्यू पर) का पहला अंतरिम डिविडेंड घोषित किया था, जिसका रिकॉर्ड डेट 17 जून 2025 था। कुल डिविडेंड पेआउट ₹4,225 करोड़ है।
लक्ष्मीश्री इन्वेस्टमेंट्स के रिसर्च हेड अंशुल जैन ने कहा, “शेयर ने 480 के स्तर पर 104-दिन का राउंडिंग बॉटम पैटर्न तोड़ा है और अब उसी स्तर को रिटेस्ट कर रहा है। यदि शेयर 475-480 के ऊपर बना रहता है, तो इसका अगला टारगेट 575 हो सकता है। हालांकि, संस्थागत खरीदारी की कमी तेजी को सीमित कर सकती है।”
वित्तीय प्रदर्शन
मार्च 2025 तिमाही में हिंदुस्तान जिंक ने शानदार नतीजे दिए। कंपनी का कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट 47.3% बढ़कर ₹3,003 करोड़ रहा, जो पिछले साल ₹2,038 करोड़ था। रेवेन्यू 20% बढ़कर ₹9,314 करोड़ हो गया। EBITDA 32% बढ़कर ₹4,820 करोड़ रहा, और EBITDA मार्जिन 500 बेसिस पॉइंट्स बढ़कर 53% हो गया। पूरे वित्त वर्ष 2025 में कंपनी का नेट प्रॉफिट 33.4% बढ़कर ₹10,353 करोड़ रहा।
कंपनी की स्थिति
हिंदुस्तान जिंक दुनिया की सबसे बड़ी एकीकृत जिंक उत्पादक कंपनी और शीर्ष 5 सिल्वर उत्पादकों में से एक है। वेदांता के पास इसकी 63.42% हिस्सेदारी है, जबकि भारत सरकार की हिस्सेदारी 27.92% है। कंपनी ने FY25 में ₹34,083 करोड़ का रेवेन्यू और 51% का EBITDA मार्जिन दर्ज किया।
मार्केट विशेषज्ञों की राय
विश्लेषकों का मानना है कि यह निवेश योजना हिंदुस्तान जिंक को लंबी अवधि में मजबूत बनाएगी। हालांकि, शेयर की कीमत में हाल की गिरावट को एक्स-डिविडेंड ट्रेडिंग और मार्केट की अस्थिरता से जोड़ा जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि कंपनी का मजबूत वित्तीय प्रदर्शन और डिविडेंड पॉलिसी इसे निवेशकों के लिए आकर्षक बनाती है।
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