मंदिरों से फंड मांग रही हिमाचल की कांग्रेस सरकार, बीजेपी ने जताई आपत्ति।
आर्थिक संकट के बीच सरकार का फैसला
Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने राज्य में जारी आर्थिक संकट से निपटने के लिए एक विवादास्पद कदम उठाया है। जनवरी में जारी एक अधिसूचना के अनुसार, सरकार ने मंदिरों से ‘मुख्यमंत्री सुख आश्रय’ और ‘मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना’ के लिए फंड देने की अपील की है। इन योजनाओं के तहत सरकार गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए कल्याणकारी कदम उठाने का दावा कर रही है। हालांकि, इस फैसले ने राजनीतिक हलकों में बहस छेड़ दी है।
बीजेपी ने बताया ‘विचित्र’ और ‘दोहरा चरित्र’
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने इस कदम की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा, “यह फैसला बेहद विचित्र है। एक तरफ कांग्रेस नेता सनातन धर्म का अपमान करते हैं, मंदिरों के खिलाफ बयानबाजी करते हैं, वहीं दूसरी तरफ मंदिरों से पैसे लेने की बात कर रहे हैं। यह उनका दोहरा चरित्र दर्शाता है।” बीजेपी का आरोप है कि सरकार की नीतियां धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रही हैं।
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मंदिरों पर बढ़ता दबाव
हिमाचल में कई मंदिर अपनी आय से सामाजिक कार्यों में पहले से योगदान देते हैं। अब सरकार की इस मांग से मंदिर प्रबंधनों पर अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है। सरकार का कहना है कि यह कदम स्वैच्छिक है, लेकिन विपक्ष इसे दबाव की रणनीति करार दे रहा है। इस मुद्दे पर जनता और धार्मिक संगठनों की प्रतिक्रिया भी जल्द सामने आ सकती है। live24indianews