तिरुवनंतपुरम: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के. मुरलीधरन ने पार्टी सांसद शशि थरूर को लेकर बड़ा बयान दिया है, जिसने पार्टी के भीतर खलबली मचा दी है। मुरलीधरन ने कहा कि थरूर अब “हम में से एक” नहीं हैं और जब तक वह राष्ट्रीय सुरक्षा पर अपने विचार नहीं बदलते, उन्हें तिरुवनंतपुरम में कांग्रेस के किसी भी कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया जाएगा। यह बयान थरूर द्वारा कोच्चि में दिए गए उस बयान के बाद आया, जिसमें उन्होंने कहा था, “राष्ट्र पहले आता है, पार्टियां देश को बेहतर बनाने का माध्यम हैं।”
थरूर के खिलाफ कार्रवाई का फैसला राष्ट्रीय नेतृत्व करेगा
मुरलीधरन ने थरूर की आलोचना करते हुए कहा कि उनके हालिया बयान, खासकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और पहलगाम आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार और सशस्त्र बलों का समर्थन करने वाले रुख ने पार्टी की एकता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, “थरूर के खिलाफ कार्रवाई का फैसला राष्ट्रीय नेतृत्व करेगा, लेकिन वह हमारे साथ नहीं हैं, इसलिए बहिष्कार का सवाल ही नहीं उठता।”
मुरलीधरन ने पहले भी थरूर पर निशाना साधा था
थरूर ने अपने रुख का बचाव करते हुए कहा, “मैं अपने बयानों पर कायम हूं, क्योंकि यह देश के लिए सही है। राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अन्य दलों से सहयोग जरूरी है, लेकिन इससे पार्टियां विश्वासघात महसूस करती हैं।” मुरलीधरन ने पहले भी थरूर पर निशाना साधा था, जब उन्होंने एक सर्वेक्षण साझा किया था, जिसमें उन्हें यूडीएफ का मुख्यमंत्री पद का पसंदीदा उम्मीदवार बताया गया। मुरलीधरन ने तब कहा था, “थरूर को पहले तय करना चाहिए कि वह किस पार्टी के हैं।”
थरूर के एक मलयालम अखबार में आपातकाल और इंदिरा गांधी की आलोचना वाले लेख ने भी विवाद खड़ा किया था। मुरलीधरन ने इसे पार्टी के प्रति असहजता का संकेत बताते हुए कहा कि थरूर को स्पष्ट राजनीतिक रास्ता चुनना चाहिए। “थरूर ने कहा, देश पहले, पार्टियां बाद में,” जिसे कुछ ने देशभक्ति तो कुछ ने पार्टी से बगावत माना।
यह विवाद कांग्रेस के भीतर बढ़ती दरार को दर्शाता है, खासकर जब संसद का मानसून सत्र नजदीक है, जहां ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा होने की संभावना है।
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