उत्तर प्रदेशः सरकार ने घोषणा की कि राज्य में 8 अप्रैल से वन एवं वन्यजीव संरक्षण माह मनाया जाएगा। इस अभियान के तहत वन प्रभागों में वन संबंधी अपराधों की जांच और वन्यजीव संरक्षण सुनिश्चित करने के लिए एक व्यापक अभियान शुरू किया जाएगा। अधिकारियों ने बताया कि इस पहल में न केवल वन विभाग, बल्कि नेपाल सीमा पर तैनात पुलिस और सुरक्षा बल भी शामिल होंगे, ताकि सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध गतिविधियों पर नकेल कसी जा सके।
तीन शिफ्टों में चलेगा अभियान
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह अभियान प्रतिदिन तीन शिफ्टों में संचालित होगा। सुबह की शिफ्ट सुबह 6 बजे से दोपहर 2 बजे तक, दोपहर की शिफ्ट दोपहर 2 बजे से रात 10 बजे तक और रात की शिफ्ट रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक चलेगी। प्रत्येक वन डिवीजन में समर्पित टीमें तैनात की जाएंगी, जो वन भूमि पर अतिक्रमण हटाने और वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी संभालेंगी। यह व्यवस्था 24 घंटे निगरानी और त्वरित कार्रवाई को सुनिश्चित करेगी।
वन अपराधों पर सख्ती का लक्ष्य
अभियान का मुख्य उद्देश्य वन क्षेत्रों में अवैध कटाई, शिकार और अतिक्रमण जैसे अपराधों को रोकना है। अधिकारियों ने बताया कि नेपाल से सटी सीमाओं पर तस्करी और वन्यजीवों से संबंधित अपराधों में वृद्धि देखी गई है, जिसे रोकने के लिए यह संयुक्त प्रयास किया जा रहा है। वन विभाग ने इसके लिए विशेष टीमें गठित की हैं, जो स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर जागरूकता फैलाने का काम भी करेंगी।
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संरक्षण में सामुदायिक सहयोग की अपील
राज्य सरकार ने इस अभियान को सफल बनाने के लिए जनता से सहयोग की अपील की है। वन मंत्री ने कहा, “यह सिर्फ सरकार का नहीं, बल्कि हर नागरिक का दायित्व है कि हम अपने जंगलों और वन्यजीवों को बचाएं।” यह अभियान 8 मई तक चलेगा और इसके परिणामों की समीक्षा के बाद भविष्य की रणनीति तय की जाएगी। यह कदम उत्तर प्रदेश में वन संरक्षण को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।