मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, 30 मई 2025 को समाप्त सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 1.23 अरब डॉलर की कमी के साथ 691.49 अरब डॉलर पर पहुंच गया। पिछले सप्ताह यह भंडार 6.99 अरब डॉलर बढ़कर 692.72 अरब डॉलर था। सितंबर 2024 में यह 704.88 अरब डॉलर के सर्वकालिक उच्च स्तर पर था। RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने कहा कि वर्तमान भंडार 11 महीने से अधिक के आयात और लगभग 96% बकाया विदेशी कर्ज को चुकाने के लिए पर्याप्त है।
विदेशी मुद्रा आस्तियों में कमी, स्वर्ण भंडार बढ़ा
30 मई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा आस्तियां 19.52 लाख डॉलर घटकर 584.21 अरब डॉलर रह गईं। इन आस्तियों में यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्राओं की घट-बढ़ का प्रभाव शामिल है। वहीं, स्वर्ण भंडार 72.3 लाख डॉलर बढ़कर 84.30 अरब डॉलर हो गया। विशेष आहरण अधिकार (SDR) 20 लाख डॉलर घटकर 18.57 अरब डॉलर और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में भारत का आरक्षित भंडार 60 लाख डॉलर की कमी के साथ 4.39 अरब डॉलर रहा।
पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार भी लुढ़का
पाकिस्तान के विदेशी मुद्रा भंडार में भी गिरावट देखी गई। पाकिस्तानी स्टेट बैंक के अनुसार, 30 मई को समाप्त सप्ताह में यह 7 मिलियन डॉलर घटकर 11.5 अरब डॉलर रह गया। कर्ज के जाल में फंसा पाकिस्तान पिछले कुछ वर्षों से आर्थिक संकट का सामना कर रहा है, और इसका विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम हो रहा है।
आर्थिक स्थिरता पर प्रभाव
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार अर्थव्यवस्था की स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। यह रुपये की अस्थिरता को रोकने और अंतरराष्ट्रीय भुगतान में मदद करता है। हालांकि, पाकिस्तान की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है, क्योंकि कम भंडार उसकी आर्थिक चुनौतियों को और गहरा सकता है।
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