लखनऊ: समाजवादी पार्टी (SP) की सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में ऑल इंडिया इमाम एसोसिएशन (AIIA) के अध्यक्ष मौलाना साजिद रशीदी के खिलाफ लखनऊ के विभूति खंड थाने में FIR दर्ज की गई है। यह कार्रवाई 27 जुलाई 2025 को समाजवादी पार्टी के नेताओं प्रवेश यादव और सौरभ यादव की शिकायत पर की गई, जिसमें मौलाना पर महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने और सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाया गया है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
क्या है पूरा मामला?
मौलाना साजिद रशीदी ने एक टीवी डिबेट के दौरान मैनपुरी से सांसद डिंपल यादव के पहनावे पर आपत्तिजनक और मिथ्या टिप्पणी की थी। उन्होंने दिल्ली के संसद मार्ग मस्जिद में समाजवादी पार्टी की बैठक के दौरान डिंपल यादव के साड़ी पहनने और सिर न ढकने पर टिप्पणी करते हुए अभद्र शब्दों का इस्तेमाल किया। इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद भारी विवाद खड़ा हो गया। SP नेताओं ने इसे न केवल डिंपल यादव बल्कि सभी महिलाओं का अपमान करार दिया। शिकायत में कहा गया कि मौलाना के बयान सामाजिक और धार्मिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने वाले हैं।
कानूनी कार्रवाई
लखनऊ के डिप्टी कमिश्नर ऑफ पुलिस (पूर्वी जोन) शशांक सिंह ने बताया कि मौलाना साजिद रशीदी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 79 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना), 196 (समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), 299 (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना), और 352 (जानबूझकर अपमान) के साथ-साथ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67 (इलेक्ट्रॉनिक रूप से आपत्तिजनक सामग्री प्रसारित करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। जांच में सोशल मीडिया और टीवी डिबेट के वीडियो साक्ष्य के रूप में शामिल किए गए हैं।
संसद में प्रदर्शन और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
28 जुलाई 2025 को संसद परिसर में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के सांसदों ने मौलाना साजिद के बयान के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। सांसदों ने “नारी गरिमा पर प्रहार, नहीं करेंगे कभी स्वीकार” लिखे प्लेकार्ड्स के साथ नारेबाजी की। BJP सांसद बांसुरी स्वराज ने समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा, “विपक्ष और SP का मौन तुष्टिकरण की राजनीति को दर्शाता है। अखिलेश यादव ने अपनी पत्नी के सम्मान में एक शब्द तक नहीं बोला।” उन्होंने इसे महिला विरोधी मानसिकता का प्रतीक बताया।
SP नेताओं ने इस मामले में BJP पर पलटवार किया। अखिलेश यादव ने कहा, “हमारी पार्टी आस्था को जोड़ने का काम करती है, जबकि BJP नफरत फैलाने का।” हालांकि, डिंपल और अखिलेश ने इस मामले पर व्यक्तिगत रूप से कोई बयान नहीं दिया, जिसे लेकर विपक्षी दलों ने उनकी चुप्पी पर सवाल उठाए।
मौलाना साजिद का विवादित इतिहास
मौलाना साजिद रशीदी पहले भी अपने विवादित बयानों के लिए चर्चा में रहे हैं। 2020 में उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर को ध्वस्त करने की धमकी दी थी, जिसके बाद दिल्ली पुलिस में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज की गई थी। 2024 में एक टीवी डिबेट में उन्होंने हिंदू देवी-देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके लिए गाजियाबाद में FIR दर्ज हुई थी। BJP नेताओं ने मौलाना को “सीरियल ऑफेंडर” करार देते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है।
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